देवताओं के अभिशाप के चलते इस गांव ने 400 वर्षों से नहीं सुनी बच्चे के जन्म की किलकारी!
(देवराज सिंह चौहान) भोपाल: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से 80 किलोमीटर दूर राजगढ़ जिले का गांव है सांका जागीर. इस गांव को सांका श्याम जी के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि यहां 16वीं शताब्दी का अति प्राचीन मंदिर है, मंदिर में श्यामजी की छत्री बनी हुई है. इस गांव की आबादी करीब एक हजार है और दो गांवों को और शामिल कर इसे ग्राम पंचायत बनाया गया. इस गांव में 400 वर्षों में किसी भी घर पर बच्चे का जन्म नहीं हुआ. गांव की सीमा में एक बच्चे का भी जन्म नहीं हुआ. जन्म के समय किसी भी बच्चे की किलकारी इस गांव में नहीं सुनाई दी, ऐसा इसलिए कि गांव में मंदिर निर्माण के दौरान व्यवधान उत्पन्न होने से देवताओं ने नाराज होकर गांव में किसी भी बच्चे का जन्म न होने का अभिशाप दिया था.
आज भी उसी अभिशाप के चलते गांव वाले गर्भवती महिला की डिलीवरी गांव की सीमा से बाहर कराते हैं. इस गांव में कोई भी व्यक्ति शराब या मांस का भी सेवन नहीं कर सकता. भूल से यदि कोई शराब पीकर या मांस खाकर गांव में आ गया, तो उसे तत्काल दंड मिलता है. वह बीमार हो जाता है और गांव में रह नहीं पाता, स्थानीय ग्रामीण इसे देवता का दंड बताते हैं.
राजगढ़ जिले की नरसिंहगढ़ तहसील के गांव सांका जागीर में इस सच को जानने के लिए जी मीडिया की टीम पहुंची. जब पूरे मामले की पड़ताल की, तो पूरा मामला 400 वर्ष पहले से जुड़ा निकला. गांव में 16वीं शताब्दी का श्यामजी का मंदिर है, जिसे मध्य प्रदेश पर्यटन विभाग ने पर्यटन स्थल भी घोषित किया है. इस प्राचीन मंदिर की अद्भुत बनावट को देखने के लिए रोजाना पर्यटक आते हैं. इस मंदिर का निर्माण कोटरा के राजा श्यामसिंह की युद्ध में मौत होने पर उनकी प