खेराज हत्याकांड: 18 साल बाद आया कोर्ट का फैसला, आनंदपाल के भाई मंजीतसिंह समेत 3 को उम्रकैद
(देवराज सिंह चौहान) डीडवाना: लाडनूं निवासी खेराज जाट की 2001 में राह चलते चाकुओं से गोदकर आनंदपाल और उसकी गैंग से जुड़े 5 साथियों ने हत्या कर दी थी. इस मामले में आनंदपाल और उसके भाई मंजीतसिंह सहित छह आरोपी थे. जिनमें से तीन लोगों पर फैसला आने के बीच मौत हो चुकी है बाकी बचे तीन आरोपी आनंदपाल के भाई मंजीत उसके साथी अनिल माली और सुरेंद्र उर्फ सूर्या को कोर्ट ने दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.
खेराज हत्याकांड आनंदपाल गिरोह के गुनाहों की शुरुआत थी. इस कांड के बाद ही आंनदपाल गैंग चर्चा में आई थी और उसके बाद इस गैंग ने एक के बाद एक कई वारदातों को अंजाम दिया और प्रदेश में आनंदपाल गैंग अपराध का पर्याय बन गई और आंनदपाल सिंह प्रदेश का मोस्ट वांटेड गैंगस्टर बन गया था.
इस मामले के बाद हत्या, अपहरण, लूट और फिरौती जैसे कई मामलों में इस गैंग ने न केवल राजस्थान बल्कि हरियाणा, यूपी और एमपी तक अपने गुनाह का साम्राज्य बना लिया. आनंदपाल को कड़ी मशक्कत के बाद गिरफ्तार किया गया लेकिन जेल की सलाखें उसको ज्यादा दिन तक कैद नहीं रख पाईं और कुछ ही दिनों में वो फरार हो गया.
बाद में फागी में उसको फिर से गिरफ्तार किया गया लेकिन जेल में रहते हुए आनंदपाल ने अपने ऊपर लगे मामलों के गवाहों को धमकाना शुरू किया. खेराज मामले में भी आनंदपाल ने मुख्य गवाह महीप मास्टर को गैंगस्टर अनुराधा के जरिए अगुआ करवा लिया और इस मामले में बयान बदलवा दिए लेकिन कोर्ट ने दोबारा दिए उसके बयानों को रिकॉर्ड में नहीं लेते हुए पहले दिए बयानों के आधार पर ही मंगलवार को सजा सुनाई.यह मामला लगातार 18 साल तक डीडवाना कोर्ट में चला. इस दौरान तीन आरोपियों की मौत भी हो गई. जिनमें सबसे अहम खुद आनंदपाल था. जिसकी 2017 में हुए पुलिस एनकाउंटर में मौत हो गई. इससे पहले मनीष हरिजन की भी गैंगवॉर के दौरान मौत हो गई थी. वहीं सुरपत सुराणा की भी ट्रायल के दौरान मौत हो गई थी. बचे हुए तीन आरोपी जिसमे आंनदपाल का भाई मंजीत सिंह उसका साथी अनील माली और सुरेंद्र उर्फ सूर्य को कोर्ट ने दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुना दी.
इस मामले में आनंदपाल सिंह का भाई मंजितपाल अजमेर जेल में है. वहीं दो आरोपी अनील माली और सुरेंद्र उर्फ सूर्या जमानत पर थे. जिन्हें मंगलवार को गिरफ्तार करके डीडवाना सब जेल में रखा गया है. जिन्हें बाद में सेंट्रल जेल में ट्रांसफर किया जाएगा.