लखनऊ

816 करोड़ में बना पुलिस का नया हेडक्वार्टर, हेलीपैड से लेकर बुलेट प्रूफ बंकर तक की सुविधा

(देवराज सिंह चौहान) लखनऊ: लखनऊ के गोमतीनगर विस्तार में बने पुलिस के नए भवन का उद्घाटन आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया. 816 करोड़ रुपये की लागत से बनी इस सिग्नेचर बिल्डिंग में पुलिस मुख्यालय दो माह पूर्व ही शिफ्ट हो गया था.आज औपचारिक रूप से उद्घाटन के मौके पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने बधाई देते हुए कहा कि 82 वर्षो से सिविल पुलिस के पास मुख्यालय नही था लेकिन आज हाईटेक संसाधनों से लैस मुख्याल पुलिस को प्राप्त हुआ है.सरकार आपको संसाधन उपलब्ध करा सकता है लेकिन अपनी कार्य क्षमता को अधिकारियों को साबित करना होगा और कानून का राज हो और सुशासन आम नागरिक महसूस कर सके और इसमें पुलिस की अहम भूमिका होती है.

सीएम ने पुलिसकर्मियों को संबोधित करते हुए आगे कहा कि आज आवश्यकता है सकरात्मक रूप से आगे बढ़े हर विंग को दक्ष करना होगा. यूपी पुलिस को अपने को साबित करना होगा जिसके लिए हर क्षेत्र में काम करना होगा. आने वाले समय मे यूपी पुलिस अकादमी की स्थापना हो ऐसी मेरी इच्छा है.पुलिस मुखयालय के बाद पुलिस के प्रशिक्षण, रिक्त जगहों को भर कर आने वाले वक्त में और बेहतर करना है.इसके साथ ही फॉरेंसिक लैब की भी हर फेस में स्थापना कर रहे है.लोगो को ये विश्वास हो कि उनकी पहली अपील पर उसे न्याय मिल रहा है.व्यवस्था और कानून व्यवस्था के लिए जो चुनौती बन रहे है उनका जिलेवार डेटा हमारे पास होना चाजिये.अराजकतत्वों के सामने पुलिस और खाकी का भय होना चाहिए.साथ ही आम नागरिक के लिए अच्छा व्यवहार भी होना चाहिए.

हमे विश्वास है हम आम जन की भरोसे पर खरे उतरेंगे. पुलिस के पास 82 सालो से अपना कार्यालय नही था देश की सिविल पुलिस के पास अपना मुख्यालय प्राप्त हुआ है. इसीलिये खुद को साबित करना पुलिसकर्मियों के दायित्व हैं.निवेशक यूपी में तबतक निवेश नही करेगा जबतक सुरक्षा की गारंटी न हो पैसा लगाकर नुकसान,और खुद को असुरक्षित होकर कोई निवेश नही करेगा इसीलिए कानून का राज़ हो सुशाशन हो आम आदमी खुद को सुरक्षित महसूस करे.

यूपी पुलिस हेडक्वाटर की खासियतें
देश में यह पहला हाईटेक पुलिस मुख्यालय होगा
यह पूरी बिल्डिंग अपने में कई खूबियां समेटे हुए हैं
सिग्नेचर बिल्डिंग मई 2016 में इस बिल्डिंग की नींव रखी गई.
तीन साल दो महीने के रिकार्ड समय में यह बिल्डिंग पूरी हो बनकर तैयार हो गई.
शहीद पथ के किनारे 10 एकड़ बनी नौ मंजिला सिग्नेचर बिल्डिंग
एक छत के नीचे सभी प्रमुख पुलिस अधिकारियों का कार्यालय है
जहां शार्ट नोटिस पर आपात बैठक आयोजित की जा सकती है
जिलों को हाईटेक कंट्रोल रूम के माध्यम से दिशा निर्देश जारी किए जा सकते हैं
सिग्नेचर बिल्डिंग में प्रवेश के लिए सभी अधिकारियों व कर्मचारियों की इलेक्ट्रॉनिक आईडी बनाई गई है.
यहां सिर्फ इलेक्ट्रॉनिक आईडी से ही प्रवेश हो सकेगा.
9 रिक्टर स्केल का भी भूकंप झेल सकती है यह बिल्डिंग
इस बिल्डिंग की जो सबसे बड़ी खासियत है वह भूकंप रोधी है.
भविष्य में बिल्डिंग के ऊपर हेलीपैड का भी निर्माण किया जा सकता है
बिल्डिंग की सुरक्षा के लिए 10 संतरी पोस्ट है
जिसमें 7 वाच टावर है. जहां बुलेट प्रूफ बंकर बनाए गए हैं.
150 कैमरों से लैस सीसीटीवी सर्विलांस सिस्टम इस बिल्डिंग में लगा है.
यह कैमरे बेसमेंट से लेकर गेट तक पर लगे हैं.
बिल्डिंग में प्रकाश के लिए एलईडी लाइट का प्रयोग किया गया है ताकि कम से कम बिजली की खपत हो.
यहां पुलिस कर्मियों की मूल भूत सुविधाओं के लिए बैंक, पोस्ट आफिस, मेडिकल स्टाफ और कैफेटेरिया के इंतजाम भी हैं.
यहां खर्च होने वाले पानी को रिसाइकिल कर लैंड स्कैप जैसे कामों में इस्तेमाल में लाने की तकनीक का इस्तेमाल किया गया है.
शौचालय में ऐसे उपकरण लगाए गए हैं जिसमें पानी का कम से कम उपयोग हो. ‘लो फ्लो टेब’ लगाए गए हैं ताकि पानी की बरबादी कम से कम हो.
बिल्डिंग की छत पर सोलर सिस्टम लगाए जा रहे हैं जो बिजली की खपत को कम करेंगे.
बिल्डिंग के शौचालयों में मोशन डिटेक्टर लगाए गए हैं. जहां निर्धारित समय तक किसी के न आने पर यहां की लाइट अपने आप बंद हो जाती है और किसी के पहुंचने पर स्वत: लाइट जल जाती है.
सभी टावर के सभी फ्लोर पर दो कॉरीडोर हैं.