कल वायुसेना में शामिल होगा अपाचे हेलीकाप्टर, पहली स्क्वाड्रन पठानकोट एयरबेस पर होगी तैनात
(देवराज सिंह चौहान) पठानकोटः भारत के पहले अपाचे AH 64 E मंगलवार (3 सितंबर) को वायुसेना में शामिल हो जाएंगे. 4 हेलीकाप्टर पाकिस्तान की सीमा से कुछ किलोमीटर दूर पठानकोट एयरबेस में समारोह पूर्वक वायुसेना में शामिल होंगे. अपाचे के आने से भारत को दुश्मन के खिलाफ एक ताकतवर हथियार मिल जाएगा. अपाचे का इस्तेमाल दुश्मन के टैंक दस्तों, गाड़ियों, ट्रेनिंग कैम्प पर अचूक हमले के लिए किया जा सकता है. ये दुनिया के सबसे अच्छे अटैक हेलीकाप्टर में गिना जाता है.
अपाचे की पहली स्क्वाड्रन पठानकोट में तैनात रहेगी जिसके पहले कमांडिंग अफसर ग्रुप कैप्टन एम शायलू होंगे.पठानकोट में पहले से ही तैनात वायुसेना की 125 हेलीकॉप्टर स्क्वाड्रन(125 H SQUADRON) फिलहाल MI -35 हेलीकॉप्टर्स उड़ाती है और अब ये देश की पहली अपाचे स्क्वाड्रन होगी. दूसरी स्क्वाड्रन असम के जोरहाट में तैनात होगी. संभावना है कि 2020 तक सभी अपाचे भारतीय वायुसेना को मिल जाएंगे. अपाचे AH 64 E हेलीकॉप्टर 30 मिमी की मशीनगन से लैस है जिसमें एक बार में 1200 तक राउंड हो सकते हैं. इसके अलावा अपाचे एंटी टैंक हेलफ़ायर मिसाइल से भी लैस है जिसके बारे में माना जाता है कि इसकी एक मिसाइल एक टैंक को तबाह करने के लिए काफ़ी है. अतिरिक्त हथियार के तौर पर हाइड्रा अनगाइडेड रॉकेट लगा होता है जो किसी ज़मीन के किसी निशाने पर अचूक वार करता है. अपाचे 150 नॉटिकल मील की रफ्तार से उड़ान भर सकता है जो इसे हवा में जबरदस्त रफ्तार से दुश्मन के पास जाने में मदद करता है. भारतीय वायुसेना अभी रूस में बने MI 35 और MI 25 अटैक हेलीकॉप्टर्स का इस्तेमाल करती है.इनकी एक स्क्वाड्रन पठानकोट और दूसरी राजस्थान के सूरतगढ़ में तैनात रहती है. ये अच्छे अटैक हेलीकॉप्टर्स हैं लेकिन अब ये तीन दशक पुराने हो चुके हैं.वायुसेना के पास स्वदेशी एडवांस लाइट हेलीकॉप्टर ध्रुव से विकसित किया गया रुद्र अटैक हेलीकॉप्टर भी है. वायुसेना ने स्वदेश में विकसित लाइट कॉम्बेट हेलीकॉप्टर का भी ऑर्डर हिंदुस्तार एयरोनॉटिक्स लिमिटेड को दिया है.