पाक में सिख लड़की के अपहरण पर चुप क्यों हैं आतंकियों के अधिकारों की फिक्र करने वाले : राजो मालवीय
भोपाल। पाकिस्तान में एक सिख नागरिक के घर पर हमला करके धर्मांध लोगों की भीड़ उसकी लड़की को उठाकर ले जाती है, उससे बलपूर्वक शादी की जाती है और उसका धर्मांतरण कराया जाता है। यही नहीं, बल्कि यही कट्टरपंथी लोग उस लड़की के परिजनों को एफआईआर वापस लेने के लिए धमकी भी देते हैं, लेकिन यह अत्याचार भारत में बैठे आतंकियों के मानव अधिकारों की पैरवी करने वालों को दिखाई नहीं देता, उनके कानों पर जूं तक नहीं रेंगती। यह बात भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश प्रवक्ता सुश्री राजो मालवीय ने पाकिस्तान में सिख युवती का धर्मांतरण कराए जाने की घटना पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कही।
श्री राजो मालवीय ने कहा कि हमारे देश में मानव अधिकारों के नाम पर चीख-पुकार मचाने वाले लोगों का चश्मा ही अलग है। उनके हिसाब से मानव अधिकार आतंकियों के हो सकते हैं, देश के खिलाफ साजिश रचने वाले और युद्ध छेड़ने वालों के हो सकते हैं, गौहत्यारों के हो सकते हैं, निर्दोष लोगों को मौत के घाट उतारने वाले नक्सलियों के हो सकते हैं। लेकिन उनके अनुसार किसी ऐसे समुदाय या वर्ग से संबंधित किसी व्यक्ति के कोई मानव अधिकार नहीं होते, जो उनके वोट बैंक के दायरे में नहीं आता। सुश्री मालवीय ने कथित बुद्जीवियों से सवाल किया कि भारत में अल्पसंख्यक वर्ग के किसी व्यक्ति को खरोंच भी आने पर तहलका मचा देने वाले ये लोग पाकिस्तान में एक सिख अल्पसंख्यक परिवार पर हमले और परिजनों की आंखों के सामने से भेड़-बकरियों की तरह उनकी बेटी को उठा ले जाने पर खामोश क्यों हैं?