भोपाल

मुख्यमंत्री जी आज के समाचार

श्री कमलनाथ
मुख्यमंत्री
मध्यप्रदेश शासन

मुख्यमंत्री जी आज के समाचार पत्रों में आपने भी पढ़ा होगा कि आपकी सरकार के ही वरिष्ठ सदस्य सामान्य प्रशासन मंत्री डॉ गोविंद सिंह द्वारा प्रदेश में अवैध उत्खनन के बारे में जो पीड़ा जाहिर की है। वह उनकी अंतरात्मा की आवाज है । प्रदेश की खनिज संपदा विशेषकर नदियों से निकलने वाली रेत अब सोना बन चुकी है। इस अवैध रेत उत्खनन में रसूखदार नेता, पुलिस व प्रशासन, खनिज विभाग सहित जिलों के कलेक्टर, एस पी और वरिष्ठ अधिकारी सभी शामिल है। प्रतिदिन लगभग एक अरब (100 करोड़) रुपए की राशि रेत के अवैध उत्खनन से कमाई जा रही है जिसमें नीचे से लेकर ऊपर तक सभी लोग इस भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। जैसा कि आपके वरिष्ठ मंत्री ने अपनी पीड़ा में व्यक्त भी किया।

जिस तरह से रेत का कारोबार फलफूल रहा है उस लिहाज से शासन को राजस्व की प्राप्ति नही हो रही है। शासन के खाते में रेत से प्राप्त होने वाली वास्तविक कमाई का एक प्रतिशत ही मुश्किल से पहुंच पा रहा है। पिछले विधानसभा सत्र में मेरे द्वारा किए गए एक प्रश्न के उत्तर में शासन ने यह स्वीकार किया है, कि भोपाल इंदौर जैसे शहरों में भी हजारों डंपरों के माध्यम से अवैध रेत बिक्री हेतु आ रही है, उन वाहनों पर की गई कार्रवाई जुर्माना या वाहनों को राजसात करना लगभग शून्य है। शासन एवं प्रशासन ने प्रदेश के 52 जिलों में पिछले 6 महीनों में हुई कार्यवाही में मात्र 3 करोड रुपए की वसूली की है। जिस प्रकार से रेत का अवैध उत्खनन एवं बिक्री हो रही है,और प्रदेश की नदियों का सीना छलनी करके बड़ी-बड़ी मशीनों से उत्खनन हो रहा है। कम से कम जुर्माने की राशि 1 हजार गुना अधिक होकर, 3 हजार करोड़ रुपए होनी थी। कुल मिलाकर ऊपर से नीचे तक के सभी लोग इस प्रकार के भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। माननीय अगर समय रहते आपकी सरकार अवैध उत्खनन को लेकर ठोस कार्रवाई नही करती है, तो प्रदेश की खनिज संपदा की लूट को रोकने के लिए मैं प्रदेश के पर्यावरण विदों एवं कार्यकर्ताओं के साथ मुख्यमंत्री निवास के समक्ष अनशन प्रारंभ करूंगा। जब तक यह काला कारोबार बंद नहीं हो जाता तब तक यह अनशन जारी रहेगा। क्योंकि इस प्रकार का अवैध धन हमारे पूरे शासन एवं प्रशासन सहित समाज और राजनीति को प्रभावित कर रहा है। खनन माफिया, अपराधी और गुंडे राजनीति पर हावी हो रहे हैं। यह भी तय है कि प्रदेश की राजनीति को ऐसे लोग ही संचालित करेंगे। इस कारण राज्यहित में अविलंब निर्णय लिया जाना नितांत आवश्यक है।  मुख्यमंत्री जी अगर आप अवैध उत्खनन को लेकर कार्रवाई नही करते है तो आगे विरोध ओर तेज होगा।