होमगार्ड सैनिक पहुंचे न्यायालय की शरण में अधिकारियों के खिलाफ दायर किया परिवाद
देवास। होमगार्ड सैनिक धर्मेन्द्रसिंह बघेल, हरिशंकर नागर, तेजकरण रामसिंह, सचिन श्रीवास्तव, शहजाद खां, राजकुमचार चौहान, सरफराज, विक्रम बोडाना, शाकिर खां एवं अन्य 45 स्वयं सेवी सैनिकों ने वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ धारा 420, 467,468, 474 सहपठित धारा 33 एवं 120 (बी) भादस के आधार पर एक अभियोकग पत्र महान भारत सागर महानिदेशक होमगार्ड (तात्कालीन) पदस्थ पी.टी.आर.आय पुलिस मुख्यालय भोपाल, अशोक दोहरे महानिदेशक होमगार्ड भोपाल, विशप तिवारी अतिरिक्त कमांडेंट जनरल होमगार्ड जबलपुर, भोजपाल वर्मा सनियर स्टॉफ आफिसर होमगार्र्ड जबलपुर, प्रतिबाला संभागीय सेनानी उज्जैन एवं अन्य 13 होमगार्ड आफिसर के विरूद्ध एक अभियोग पत्र 22 अगस्त को प्रस्तुत किया है। होमगार्ड सैनिकों ने माननीय न्यायालय से परिवाद प्रस्तुुत कर मांग की है कि होमगार्ड नियम 1947 के प्रावधानों से भर्ती होकर प्रारंभिक अवधि पूर्ण होने के पश्चात विभागीय परिपत्र के आधार पर प्रथम पुन: नामांकन से आज दिनांक तक प्रत्येक तीन वर्ष में पुन: नामांकन करते हुए 12 अपे्रल 2016 तक एवं 13 अपे्रल 2016 से होमगार्ड नियम 2016 के नियम 21 के प्रावधानों के अंतर्गत विधि विधान द्वारा एवं माननीय सर्वोच्च न्यायालय एवं उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार उक्त विधान के अनुसार सेवाकाल में और उसके उपरांत लाभ पाने के अधिकारी है और अभियुक्तगणों का दायित उक्त विधि एवं विधान के अनुसार अभियोगी गणों को हितलाभ देने के लिए उत्तरदायी हैं जैसे भारत सरकार एवं मप्र. शासन द्वारा निर्धारित सेवा के आधार पर सुविधाओं के आदेश दिशा निदेर्शो को प्रत्येक वेतनमान, पुनरिक्षत नियम आधार पर समय समय पर संशोधन करवाते हुए मानदेय, भोजन राशि, भत्ते की किश्त सहित (एक वेतन) अवकाश नियम केे तहत आकाश एवं 365 दिन शासन की सेवा करने पर एक माह का अतिरिक्त एक वेतनमान एवं अन्य भत्ते सभी की पत्रता का लाभ पाने के लिए विधि द्वारा अधिकृत है तथा आरोपीगण उसकी पूर्ति करने के लिए प्रतिबंधित है जो मांगे उपरांत भी अदा नहीं करने, कपट व षडयंत्र आपस में मिलकर करने से अदा नहीं कर रहेे हैं। सैनिकों द्वारा माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर से याचिका क्र. 15623/2010 पर अंतिम आदेश दिनांक 02.12.2011 को आदेश पारित हुआ। इसका पालन भी आज दिनांक तक अभियुक्तगणों द्वारा नहीं किया गया। सैनिकों द्वारा एक याचिका क्र. 129/2012 प्रस्तुुत की जिसमें दिनांक 8.5.2012 को अन्य याचिकाओं के साथ आदेश हुआ था जिसका पालन भी अभियुक्तों द्वारा नहीं किया गया। अभियुक्तगणों के विवरण अमानत में खयानत का अपराधिक कृत्य धर्मेन्द्र बघेल को पदोन्नती कमेटी द्वारा अनुपयुक्त पाने से पदोन्नती नहीं दी गई जबकि जिला सेनानी राजेश जैन द्वारा अभियोगी की शीट रोल में से गोपनीय प्रतिवेदन का पेज फाडकर नया पेज लगाकर उनका रिकार्ड खराब किया गया। जिला सेनानी राजेश जैन द्वारा माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर से रोटेशन बंद करने के आदेश होने पर भी रोटेशन करने का आदेश जारी किया गया जिससे माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ इंदौर में याचिका क्र. 7327/2015 पेश की गई जिसमें जे.पी. प्रजापति जिला सेनानी द्वारा गलत जवाब पेश किया गया जिसमें माननीय उच्च न्यायालय में कन्डम ऑफ कोर्ट क्रमांक 266/2017 पेश की गई जो कि याचिका क्रमांक 7327/2015 विचाराधीन है जिसमें संभागीय सेनानी एवं जिला सेनानी को बार बार नोटिस होने पर भी अपने पद का दुरूपयोग कर उच्च न्यायालय में जवाब पेश नहीं किया है एवं मानव अधिकार आयोग को भी अभियुक्तगणों की ओर से कपट एवं बेईमानी, मिथ्या, माहित देकर आपराधिक कृत्य किया है एवं उपरोक्त दांडिक धाराओं में इंदौर एंव उज्जैन में भी आपराधिक प्रकरण प्रस्तुत किया गया है।