भोपाल

संवैधानिक संस्थाओं का अनादर

 भोपाल। देश की जनता जानती है कि संवैधानिक संस्थाओं का अपमान करना, उन पर आक्षेप लगाना, उनका दुरुपयोग करना कांग्रेस और उसके नेताओं की पुरानी आदत रही है। कांग्रेस की सरकारों ने अपने फायदे के लिए इन संस्थाओं का मनमाना उपयोग किया है। इसके चलते कांग्रेस इस प्रक्रिया की इतनी अभ्यस्त हो चुकी है कि अब उसे सीबीआई और ईडी जैसी सरकारी एजेंसियों द्वारा संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार किए जाने वाले कामों में भी लोकतंत्र की हत्या नजर आने लगी है। यह बात भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता श्री आलोक संजर ने कांग्रेस द्वारा पूर्व केंद्रीय मंत्री पी.चिदम्बरम की गिरफ्तारी को लोकतंत्र की हत्या बताने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कही।   श्री आलोक संजर ने कहा कि सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय के पास पूर्व केंद्रीय मंत्री पी.चिदम्बरम के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य मौजूद रहे हैं। इसके बाद भी इन केंद्रीय एजेंसियों ने न्यायपालिका का सम्मान करते हुए श्री चिदम्बरम को तब तक गिरफ्तार नहीं किया, जब तक इस पर न्यायालय की रोक रही। जबकि विभिन्न घोटालों के संबंध में उनसे पूछताछ किया जाना अत्यंत आवश्यक था। श्री संजर ने कहा कि सीबीआई द्वारा श्री चिदम्बरम की गिरफ्तारी के दौरान किसी भी संवैधानिक प्रावधान का उल्लंघन नहीं किया गया है। इसके बावजूद यदि कांग्रेस इसे लोकतंत्र पर आघात बताती है, तो यह सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय समेत पूरी संवैधानिक प्रक्रिया तथा न्यायपालिका का भी अपमान है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के जो नेता लोकतंत्र की दुहाई दे रहे हैं,उन्हें देश की जनता को यह बताना चाहिए कि चिदम्बरम अदालत द्वारा उनकी याचिका खारिज किए जाने के बाद 27 घंटों तक एक केंद्रीय एजेंसी को चकमा देते हुए क्यों भागते रहे? यह भी बताना चाहिए कि श्री चिदम्बरम की गिरफ्तारी के समय उनके बंगले के बाहर हंगामा करने वाले और सीबीआई तथा ईडी की टीम को उन्हें गिरफ्तार करने से रोकने की कोशिश करने वाले वो सैकड़ों लोग कौन थे?