श्रद्धा एवं विश्वास का मिलन है महाकाल
उज्जैन। श्रद्धा एवं विश्वास का मिलन है महाकाल बाबा एवं पार्वती माता का विवाह । भवानी शंकरो वंदे श्रद्धा विश्वास रूपिणौ । आज कथा के तीसरे दिन स्वामी प्रणव पुरी ने भगवान शंकर एवं माता पार्वती के विवाह पर कथा कही । माता पार्वती की तपस्या का रिकार्ड बडे बडे संत महात्मा नही तोड पाए ।इससे साबित होता है कि मिलाए जो काम करने का ठान लेती है , उस कार्य में वह सबसे प्रथम रहती हैं । शंकर जी के विवाह में अनेक प्रकार के रुद्र गणों की चर्चा हुई जिसमें बहुत हास्य विनोद भी हुआ । स्वामी जी ने कहा कि धारा 370 हटना इस देश के लिए एक नया इतिहास रचने के बराबर है । आज से 25 वर्ष पहले से स्वामी अंगद जी महाराज का स्वप्न था कि कश्मीर में कुम्भ लगाना है, कैलाश को वापस लाना है धारा 370 हटने के बाद वह स्वप्न भी जल्द ही साकार हो एवं कश्मीर में संतों का कुम्भ मेला लगना प्रारंभ हो । तब जाकर कहीं सनातन धर्म की पताका भारत को पुनः अखंड आर्यावर्त होने की दिशा में ले जाएगा ।