बारिश से जनजीवन अस्त व्यस्त, शिप्रा नदी उफान पर , संभागायुक्त और कलेक्टर नदी क्षेत्र का दौरा कर दिए आवश्यक दिशा निर्देश
उज्जैन।(राजेंद्र सिंह भदोरिया) शहर में 2 दिन से हो रही बारिश ने शहर को पानी पानी कर दिया पिछले 24 घंटे से लगातार हो रही बारिश की वजह से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। वही नदी नाले उफान पर हैं। इसके चलते शिप्रा नदी उफान पर है बड़नगर ब्रिज से मात्र 4 फीट नीचे तक पानी बह रहा है बारिश की वजह से शहर की तमाम निचली बस्तियों में पानी भर गया है।
उज्जैन की जीवन रेखा शिप्रा नदी उफान पर है। शिप्रा नदी अपने तटबंध तोड़कर अपने वैभवशाली रूप में नजर आ रही है।नदी में आई बाढ़ के चलते रामघाट पर स्थित सभी मंदिर जलमग्न हो गए हैं और नदी का जलस्तर बड़े पुल को छूने को बेताब है। ऐसे में बड़ी संख्या में लोग शिप्रा के किनारे पहुंचकर शिप्रा में आई बाढ़ का नजारा देख रहे हैं। सुबह से ही शिप्रा के किनारों पर लोगों की भीड़ लगी हुई है लोग बड़े पुल और राणोजी की छतरी से शिप्रा में आई बाढ़ का नजारा देख रहे है
प्रशासन ने किया दौरा
संभागायुक्त अजीत कुमार एवं कलेक्टर शशांक मिश्र भी दोपहर में शिप्रा नदी के राम घाट पर जाकर नदी के जल स्तर का निरीक्षण किया और जिम्मदारों को निर्देश दिए कि जलस्तर बढ़ने पर आवश्यक राहत एवं बचाव के कार्य में किसी तरह की कोताही नहीं बरती जाए ।बाढ़ आपदा राहत के लिए की गई विभिन्न तैयारियों के संबंध में होमगार्ड के कमांडेंट द्वारा वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराया गया।
सड़के बनी तालाब
शहर में हो रही बारिश से शहर की सड़कें तालाब में तब्दील हो गई है निशी बस्तियों के साथ कई इलाकों में जल जमाव की स्थिति निर्मित हो गई शहर के केडी गेट ढाबा रोड नई सड़क ढांचा भवन गधा पुलिया हनुमान नाका इंदौर गेट वेद विहार कॉलोनी सहित कई कालोनियों में जल जमा हो गया हालात यह रहा बारिश थमने के बाद भी 3 घंटे तक सड़कों पर जल जमाव की स्थिति बनी रही इससे शहरवासियों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा और दो पहिया वाहनों के साथ गाड़ियों को रहवासी धक्का देकर निकालते रहे
गंभीर डेम हुआ लबालब
शहर की प्यास बुझाने वाला गंभीर डेम 4 साल बाद लबालब हो गया है सन 2015 में गंभीर डेम अपनी पूर्ण क्षमता 2250 एमसीएफटी में भरा गया था इसके बाद अब जाकर गंभीर डेम पूरी क्षमता से लबालब हुआ है इसके चलते शुक्रवार की सुबह 7:00 बजे एक गेट और 8:00 बजे के करीब दो गेट सहित कुल तीन गेट 1 मीटर तक खोले गए।