5 महीनों में 119 हत्या के बाद जागी पुलिस
(देवराज सिंह चौहान) पटना: हत्या और मॉब लींचिंग की घटनाओं से परेशान पटना पुलिस की गुहार को पुलिस मुख्यालय ने मान लिया. अपराध नियंत्रण और कानून व्यवस्था को बनाये रखने के लिए इंस्पेक्टर रैंक के 19 पदाधिकारियों को अगले आदेश तक पटना में बुला लिया गया है. जिसके बाद ये उम्मीद की जा रही है की यहां कुछ हालात काबू में हो सकेंगे.
बिहार में अपराध का ग्राफ बढ़ता जा रहा है. खासतौर पर राजधानी पटना की स्थिति और भी खराब हो चुकी है. दिनदहाड़े डकैती और हत्या आम बात हो चुकी है. ऊपर से मॉब लीचिंग की घटना ने पटना पुलिस की मुश्किलें बढ़ा दी है. बीते एक हफ्ते में पटना के आसपास मॉब लींचिंग की 6 घटनाएं हो चुकी हैं. हालात बेकाबू होता देख पटना एसएसपी की ओर से पुलिस मुख्यालय से एक दर्जन तेजतर्रार पुलिस पदाधिकारियों की मांग की गई थी. जिसे आईजी मुख्यालय ने स्वीकार कर लिया है. आईजी मुख्यालय की ओर से जारी पत्र ने 15 इंसेक्टर और 4 सब इंसेक्टर रैंक के पुलिस अधिकारी पटना पुलिस की सेवा में लगा दिए गए हैं. जो अगले आदेश तक यहां बने रहेंगे.
19 पदाधिकारियों में कई दूसरे जिले से बुलाए गए हैं. तो कुछ आर्थिक अपराध शाखा में अपनी सेवा दे रहे थे तो कुछ मद्य निषेध के काम मे लगे हुए थे. आईजी मुख्यालय की ओर से जारी पत्र में साफतौर पर कहा गया है कि ये पुलिस पदाधिकारी अपराध नियंत्रण और कानून व्यवस्था बनाये रखने के काम मे विशेष परिस्थिति के तहत लगाए गए हैं.
इसके साथ ही पटना जिले में तैनात इंस्पेक्टर रैंक के 7 पदाधिकारियों को दूसरे विभागों में ट्रांसफर कर दिया गया है. इन तमाम पुलिस पदाधिकारियों को 7 अगस्त से ही अपनी ड्यूटी नए जगह पर देने का निर्देश दिया गया है.
आपको बता दे कि इस साल मई महीने तक पटना जिले में 119 हत्याएं हो चुकी हैं. इसके अलावा डकैती की 35, रॉबरी की 146 घटनाएं, सेंधमारी की 349 घटनाएं, चोरी की 2842 घटनाएं, 359 दंगे, किडनेपिंग की 544 घटनाएं, पैसों के लिए किडनैपिंग की 2 घटनाएं, 41 रेप , 129 रोड डकैती की घटनाएं हो चुकी हैं.