अनुच्छेद ३७० हटाने की साहसिक पहल का संस्था गीताश्रीधर ने किया स्वागत
उज्जैन। कश्मीर से अनुच्छेद ३७० हटाना, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का अविस्मरणीय ऐतिहासिक और अद्भुत कार्य है। केन्द्र की भाजपा सरकार द्वारा गृहमंत्री अमित शाह के माध्यम से संसद में अनुच्छेद ३७० को समाप्त करने के प्रस्तुत किए गए संकल्प से देश में समानता का नया इतिहास रचा गया है। जो जम्मू कश्मीर अब तक भारत का अभिन्न अंग होने के बावजूद अप्रत्यक्ष रूप से देश में अनुच्छेद ३७० के कारण असमानता थी, वह असमानता समाप्त होकर बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर द्वारा संविधान में दिए गए समानता के अधिकार का अब वास्तविक यान्वयन होगा और यह बाबा साहेब को सच्ची श्रद्धांजलि होगी। यह टिप्पणी करते हुए संस्था गीताश्रीधर धार्मिक, सांस्कृतिक एवं सामाजिक सेवा संस्थान उज्जैन के सचिव रूपेश काबरा ने कहा कि जम्मू कश्मीर में अब तक अलग झंडा, अलग संविधान लागू था, पारदर्शी प्रशासन के वाहक सूचना का अधिकार अधिनियम पर पाबंदी होती थी, इन सभी असमानताओं को समाप्त कर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी वैश्विक राजनीतिक के कल्पवृक्ष बन गए हैं, जिसकी सुखद छांव सदैव भारत माता के आशीर्वाद से भारतवासियों को आनंदित व पथ आलोकित करती रहेगी। संस्था ने प्रधानमंत्री श्री मोदी को पत्र भेजकर इस स्वर्णिम उपलब्धि पर प्रधानमंत्री का सम्मान करने हेतु समय आरक्षित कर उपलब्ध कराने का आग्रह किया है।