छात्रवृत्ति के लम्बित आवेदनों का निराकरण यथाशीघ्र करने के निर्देश कलेक्टर ने शासकीय एवं अशासकीय महाविद्यालयों के प्राचार्यों की बैठक लेकर समीक्षा की
(देवराज सिंह चौहान) उज्जैन । कलेक्टर श्री शशांक मिश्र ने आज सोमवार 10 फरवरी को प्रात: सिंहस्थ मेला कार्यालय के सभाकक्ष में शासकीय एवं अशासकीय महाविद्यालयों के प्राचार्यों की बैठक लेकर निर्देश दिये कि जिन महाविद्यालयों में वर्ष 2018-19 के छात्रवृत्ति के लम्बित आवेदनों का निराकरण यथाशीघ्र किया जाये, ताकि समय पर विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति का भुगतान किया जा सके। बैठक में कलेक्टर ने वर्ष 2019-20 के आवेदनों की प्रक्रिया एवं एमपीटास पोर्टल की समीक्षा की। कलेक्टर ने महाविद्यालय के प्राचार्यों को निर्देश दिये कि आदिम जाति कल्याण विभाग एवं पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक विभाग को इस आशय का प्रमाण-पत्र उपलब्ध कराया जाये कि उनके महाविद्यालय में अब अजा, जजा एवं पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति का कोई प्रकरण लम्बित नहीं है।
बैठक में निर्देश दिये कि अजा, जजा के छात्रों के आवेदनों के साथ केव्हायसी प्रोफाईल पंजीयन अनिवार्य रूप से कराई जाये। महाविद्यालयों के प्राचार्यों को निर्देश दिये कि नोडल संस्थाओं द्वारा छात्रों के आवेदनों के परीक्षण में पाई गई कमियों की पूर्ति पश्चात ही अशासकीय संस्थाएं आवेदन कार्यालय में प्रस्तुत करें। शासकीय नोडल संस्थाओं में अशासकीय संस्था लिंक की गई है, उनमें कोई परिवर्तन नहीं किया गया है। छात्रवृत्ति के आवेदन कार्यालयीन परीक्षण/जांच दल के द्वारा ली गई आपत्तियों की पूर्ति भी समय-सीमा में करने के निर्देश दिये। नवीनीकरण के छात्रवृत्ति आवेदनों पर छात्र का संस्था में प्रथम बार प्रवेश की तिथि अनिवार्य रूप से अंकित करने के निर्देश भी सम्बन्धितों को दिये हैं।
बैठक में आदिम जाति कल्याण विभाग की जिला संयोजक श्रीमती रंजना सिंह ने पावर पाइन्ट प्रजेंटेशन के माध्यम से अजा, जजा छात्रों की छात्रवृत्ति, आवास सहायता योजना, एमपीटास पोर्टल पर नवीनीकरण आवेदनों हेतु संस्था स्तर से की जाने वाली प्रक्रिया की जानकारी सम्बन्धितों को दी। इसी प्रकार पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की सहायक संचालक सुश्री अनुराधा सकवार ने भी पावर पाइन्ट प्रजेंटेशन के माध्यम से पिछड़ा वर्ग पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति के बारे में विस्तार से जानकारी दी। कलेक्टर ने बैठक में महाविद्यालयों के प्राचार्यों को निर्देश दिये कि छात्रवृत्ति के लम्बित आवेदनों के प्रकरणों का एक माह के अन्दर निराकरण किया जाना सुनिश्चित करें। उन्होंने निर्देश दिये हैं कि पिछड़ा वर्ग पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना अन्तर्गत आने वाली समस्याओं का विभाग एवं महाविद्यालय समन्वय स्थापित कर निराकरण किया जाये।