पुलिस ने पेश की मिसाल, बेसहारा बच्ची कुछ यूं दी नई जिंदगी
कोटा: (देवराज सिंह चौहान) अपनी मां को खोने और पिता द्वारा छोड़ी गई एक बेटी के लिए पुलिस की एक छोटी सी पहल जीवन की नई खुशियां लेकर आई. मेहनत मजदूरी कर परिवार का खर्चा चला रहे अपने मामा-नाना के पास अभावों में पल रही बेटी को पुलिस का आसरा मिला. इस बेटी की पीड़ा को पुलिस ने समझा और उसे गोद लेने का निर्णय कर उसका सारा खर्चा उठाने की घोषणा की.
खबर के मुताबिक, टीना गोचर सांगोद में कोडियों के चौक में अपने नाना-मामा के घर रहती है. टीना के पिता ने कुछ सालों पूर्व दूसरी शादी कर ली और टीना की मां मंजू बाई को बच्चों समेत घर से निकाल दिया. दो साल पूर्व टीना की मां मंजू बाई की भी मौत हो गई तो टीना निराश्रित हो गई. टीना के मामा त्रिलोक व नरेश गोचर उसे अपने पास ले आए, लेकिन इनकी भी आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं थी की वो टीना का सही तरीके से लालन-पालन कर सके.
टीना राजकीय उच्च बालिका माध्यमिक विद्यालय में पढ़ती है. मां की मौत के बाद पढ़ाई छोड़ने की नौबत आई तो विद्यालय की शिक्षिका चन्द्रकलां वर्मा ने उसका सहयोग किया और उसकी आगे की पढ़ाई जारी रखी. यहां एक समारोह के बाद कविता पाठ करती इस बालिका की पीड़ा को जब मंच से सुनाया गया तो यहां मौजूद पुलिस अधिकारियों ने टीना को गौद लेने की सोची. उसकी पढ़ाई-लिखाई समेत सारी जिम्मेदारी लेने की बात कही. पुलिस की इस पहल की लोगों ने भी सराहना की.
समारोह के बाद पुलिस अधिकारियों ने टीना को थाने बुलाया और सभी स्टाफ से परिचय करवाकर मौके पर ही टीना को दो जोड़ी कपड़े, कम्बल एवं गर्म कपड़े दिलाए गए. सभी पुलिस कर्मियों ने सहयोग की बात कही तो टीना के नाम पुलिस स्टाफ की ओर से 51 हजार रुपए की एफडी बैंक खाते में कराने का निर्णय लिया. बालिका का सारा खर्चा अब सांगोद पुलिस संभालेगी.