नेताओं द्वारा राजीनामा, झूठी रिपोर्ट व धमकी भरे कॉल्स से दी जा रही है धमकी
उज्जैन। विगत दिनों पॉलिटेक्निक कॉलेज में घटित घटना के सम्बन्ध में अतिथि शिक्षक तपस्या ठाकुर ने कहा कि उन्हें झूठे इल्जाम के तहत व मनगढ़त बिना सबूतों के आरोप लगाकर उनकी मेहनत को झूठा बतला रहे हैं। इस षड्यंत्र में स्थानीय नेताओं की भी भागीदारी रही है जो उन पर राजीनामा बनाने हेतु निरन्तर दबाव बना रहे हैं व विभिन्न मोबाईल नम्बरों के माध्यम से जान से मारने की धमकी व झूठे आरोप लगाकर उनकी छबि को धूमिल किया जा रहा है।
4 जनवरी को जशीन एहमद, जो कि (पूर्व विद्यार्थी है), परीक्षा में नकल करने पर बाहरी गुण्डों को कॉलेज परिसर में बुलाकर हाथापाई, अभ्रता व शासकीय कार्य में बाधा डालने की रिपोर्ट कॉलेज प्रशासन ने तपस्या ठाकुर द्वारा थाना माधवनगर में की थी, पर राजनीतिक दबाव के कारण आज तक कोई कार्यवाही नहीं की उल्टा पिछले 6-7 दिनों से तपस्या ठाकुर झूठी रिपोर्ट व फोन कॉल्स करके धमकी व सोशल मीडिया पर तपस्या की छबि को खराब करने का कार्य किया जा रहा है।
जिस संतोष वर्मा ने आरोपी नेताओं का सहारा लेकर झूठी रिपोर्ट लिखवाने पुलिस अधीक्षक कार्यालय गए थे, उनके द्वारा तीन वर्ष पूर्व गैंस एजेंसी का सौदा कराने तपस्या ठाकुर के पास आए थे। तब बिजनेस डील के तहत यह तय हुआ था कि 60 लाख रु. (बी.पी.सी.एल. नियमानुसार) एजेन्सी चलाने का तय हुआ था। तपस्या द्वारा व बापूलाल प्रजापत द्वारा संतोष वर्मा जी को एजेंसी सम्बन्धित दस्तावेजों की छायाप्रति दी गई और कार्यस्थल पर जाकर वस्तुस्थिति से अवलोकन करवा दिया था। जिस पर संतोष वर्मा द्वारा 1.50 लाख रु. चेक के माध्यम से दिया गया था। जिस पर 58,50,000/- रु. आज दिनांक तक बकाया है। तीन वर्ष पूर्व 1.50 लाख रु. देने के पश्चात् संतोष वर्मा व इनके एम्पलाय राज मालवीय (इन्द्रानगर निवासी) द्वारा एजेंसी पर काम करना आरम्भ कर दिया था व तय हुआ कि 50 प्रतिशत अर्थात् राशि रु. 30 लाख का अनुबंध पश्चात् बी.पी.सी.एल. के नियमानुसार अदा किया जाएगा। इसके पश्चात् संतोष वर्मा द्वारा निरन्तर बहाने बनाए गए व राज मालवीय दोनों ने मिलकर एजेन्सी में अनियमितता व गड़बड़ी का कार्य प्रारम्भ कर दिया, क्योंकि संतोष वर्मा के नियत में खोट थी व राशि देने में आनाकानी करते रहे व एजेन्सी छोड़कर चले गये। तपस्या द्वारा उनसे निरन्तर मोबाईल के माध्यम से व कार्यालय जाकर बार-बार कहा गया कि एजेंसी का पुन: चालू करें। संतोष वर्मा इस बात को टालते चले गये। इस वजह से एजेंसी का सौदा तीन वर्षों से खटाई में पड़ा रहा। इनके द्वारा बाजार में भ्रामक जानकारी फैलाई गई कि एजेंसी हमारे (संतोष वर्मा) द्वारा खरीदी गई, जिसके कारण आज दिनांक तक एजेंसी का निराकरण नहीं हो पाया, क्योंकि मेरी एजेंसी पर 25.00 लाख का ऋण बकाया है। इस वजह से आज दिनांक तक बैंक का पैसा नहीं लौटा पाई।
शासकीय पॉलिटेक्निक महाविद्यालय की लड़ाई का फायदा उठाकर संतोष वर्मा द्वारा आरोपी नेता से मिलकर तपस्या पर दबाव बनाने का कार्य किया गया। उपरोक्त एजेन्सी से सम्बन्धित जो भी संतोष वर्मा से चर्चा हुई थी उसकी कॉल्स रिकार्डिंग तपस्या के पास उपलब्ध है। जब भी प्रशासन चाहे वह मीडिया के समक्ष प्रस्तुत करने हेतु तैयार है, चूँकि प्रशासन राजनैतिक दबाव में कार्य कर रहा है। इस संदर्भ में पुलिस महानिरीक्षक, पुलिस अधीक्षक से संतोष वर्मा के खिलाफ एजेंसी अपने नाम करवाने के सन्दर्भ में शिकायत दर्ज की जाएगी।
मीडिया के समक्ष संतोष वर्मा द्वारा भ्रामक जानकारी दी गई कि वे उज्जैन शहर से फरार हैं, जबकि संतोष वर्मा को उनका कर्तव्य स्थल व उनके कार्यालय की जानकारी है, जिसका संचालन वह कुछ समय से स्वयं ही कर रहे थे। संतोष वर्मा ने लगभग 100 उपभोक्ताओं को गैस कनेक्शन दिये हैं, जिनके गवाह 100 से अधिक परिवार हैं, जिनके कनेक्शन का पैसा संतोष वर्मा व राज मालवीय लेकर फरार हो चुके हैं। गैस कनेक्शन के ग्रामीण उपभोक्ताओं संतोष वर्मा की तलाश कर रहे हैं और तपस्या को पूर्व में दी गई राशि 1.50 लाख रु. का हवाला देकर कहते हैं कि आपका और मेरा एजेंसी को लेकर हिसाब बराबर हो चुका है, जिसके साक्ष्य मेरे पास उपलब्ध है।