सरपंच और सचिव मिलकर कर रहे भ्रष्टाचार
उज्जैन। ग्राम पंचायत पालखंदा में सरपंच और सचिव मिल कर भ्रष्टाचार को अंजाम दे रहे हैं। विकास कार्यों के निर्माण में लगे बिलों में जीएसटी तक का हवाला नहीं है। वहीं वर्तमान सचिव का कहना है कि मैं अभी कुछ माह पूर्व ही आया हूं। इसलिए मामले की जानकारी नहीं दे सकता। ग्राम पंचायतों को सरकार ने विकास कार्य करने की छूट दे रखी है। जिसका दुरपयोग निर्माण के नाम पर ग्राम पंचायत पालखंदा के जनप्रतिनिधी और सचिव मिल कर कर रहे हैं। सामुदायिक भवन निर्माण के लिए राज्य वित्त आयोग की योजना से २ अक्टूबर २०१७ में १ लाख ५० हजार की राशि स्वीकृत की गई थी। सामुदायिक भवन के निर्माण में जवाबदारों की लापरवाही से लिपापोती की गई। बिल की राशि १ लाख २ हजार ९३३ पिछले २२ सितंबर को जारी की गई। जिसमें जीएसटी का कहीं हवाला नहीं दिया गया। इसके साथ ही सामुदायिक भवन में लगाई गई सामग्री घटिया कीस्म की लगाई गई और बिलों में भ्रष्टाचार किया गया। जिसे मौके पर साफ देखा जा सकता है। मामले में जब जिम्मेदारों से बात की गई तो वे साफ कन्नी काटते हुए नजर आए। पंचायत सचिव का कहना है कि मैं कुछ दिन पूर्व यहां पदस्थ हुआ हूं। मामला समझने के बाद ही कुछ कह सकता हूं।