राम मंदिर पर फैसले पहले नकवी के घर RSS और मुस्लिम नेताओं की बैठक
अयोध्या जमीन विवाद और राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी के घर पर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और मुस्लिम पक्ष के नेताओ की बैठक हो रही है. बैठक में संघ की ओर से कृष्ण गोपाल और राम लाल भी शामिल हैं।
- सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले कई स्तर पर चल रही हैं बैठकें
- विश्व हिंदू परिषद संत समाज के संपर्क में, उनसे चर्चा कर रहा
- यूपी में मंत्रियों के अयोध्या मसले पर बयानबाजी पर रोक लगी
अयोध्या जमीन विवाद और राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी के घर पर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और मुस्लिम पक्ष के नेताओ की बैठक हो रही है।
इस बैठक में जमीअत उलमा के जनरल सेक्रेटरी मौलाना महमूद मदनी, मुफ्ती मुकर्रम, प्रोफेसर अख्तरुल, कमाल फारूकी, मौलाना मोहसीन तकावी, बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चे के अध्यक्ष अब्दुल राशिद मौजूद हैं. बैठक में संघ की ओर से कृष्ण गोपाल और राम लाल भी शामिल हैं. राम लाल आरएसएस के समसंपर्क प्रमुख हैं जबकि कृष्ण गोपाल बीजेपी और संघ के बीच समन्वय देखते हैं।
अयोध्या में राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर विश्व हिंदू परिषद (विहिप) भी सतर्कता बरत रहा है. निर्णय आने से पहले विहिप ने अपने नेताओं पर इस मुद्दे पर अनर्गल बयानबाजी करने पर पाबंदी लगा दी है, जिससे माहौल न खराब हो सके।
फैसले को लेकर RSS संजीदा
सूत्रों का कहना है कि राम मंदिर फैसले को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) बहुत ज्यादा संजीदा है. सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के पहले और बाद में भी किसी प्रकार का कोई माहौल न खराब हो, इसे लेकर कई स्तर की बैठकें चल रही हैं. संघ के बड़े नेताओं ने दिल्ली में डेरा डाल रखा है.
संघ के प्रांत प्रचारक और उससे छोटे पदाधिकारी अपने-अपने प्रांतों में बैठकें कर विभिन्न प्रकार से संयम और शांति बहाल रखने की अपील में लगे हुए हैं. संघ ने इसको लेकर मुस्लिम राष्ट्रीय मंच को विशेष रूप से जिम्मेदारी सौंपी है, जिसके बाद बड़े मुस्लिम चेहरों से संवाद स्थापित करके अमन और शांति का माहौल कायम करने की पहल की जा रही है. विश्व हिंदू परिषद संत समाज के लगातार संपर्क में है और उनसे चर्चा कर रहा है।
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने अपने बड़बोले मंत्रियों की अनर्गल बयानबाजी पर पहले ही रोक लगा रखी है, जिससे किसी प्रकार का माहौल न खराब हो. हलांकि इस मामले को लेकर मुस्लिम धर्मगुरु और मौलाना भी अपने ढंग से सौहार्द और अमन स्थापित करने के लिए लगातार प्रयासरत हैं।
विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने अवध प्रांत में होने वाले त्रिशूल दीक्षा कार्यक्रम को बहुत पहले ही रोक दिया. अपने हित चिंतक अभियान में भी विराम लगा दिया है. इसके तहत नए सदस्य बनाए जाते थे।
यज्ञ औप पूजन कार्यक्रम जारी
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के पहले योगी सरकार ने अयोध्या में मंदिर-मस्जिद से जुड़े कार्यक्रमों पर पाबंदी लगा रखी है, बावजूद इसके राम मंदिर निर्माण के लिए जगह-जगह यज्ञ और पूजा का कार्यक्रम चल रहा है.राम मंदिर निर्माण के लिए ऐसा ही एक आयोजन अयोध्या के राम जन्मभूमि निर्माण कार्यशाला में यज्ञ के साथ वेद पाठ पिछले 5 दिनों से चल रहा है।
पाठ करने के लिए वेदों के प्रकांड विद्वानों को दूसरे शहरों से बुलाया गया है. अयोध्या के एसएसपी आशीष तिवारी का कहना है कि धारा 144 के अनुसार केवल विजय जुलूस पर प्रतिबंध है. बिना अनुमति के फैसले के बाद विजय जुलूस नहीं निकाला जा सकता, लेकिन जो निजी स्थानों और अपने घरों में धार्मिक कार्यक्रम कर रहे हैं उस पर कोई रोक नहीं है. यह उनका संवैधानिक अधिकार है।