देवास

मीना बाजार में अ.भा. मुशायरा संपन्न

देवास। नगर निगम द्वारा आयोजित 85 वीं दशहरा कृषि कला एवं औद्योगिक प्रदर्शनी मीना बाजार में अ.भा. मुशायरा सुबह 5 बजे तक चला। जिसमें उपस्थित शायरों ने नाते पाक, गजल व शेरो शायरी से समां बांधा। मुशायरे में  फिरोजाबाद से आए अंतर्राष्ट्रीय शायर हाशिम फिरोजाबादी ने कहा कि- आलम पनाह और ना सुल्तान जाएंगे, जन्नत में सिर्फ साहिबे ईमान जाएंगे, इस मुल्क को लहु की जरूरत अगर पड़ी, सरहद पे सर कटाने मुसलमान जाएंगे। मालेगांव के शायर अलताफ जिया ने कहा कि -बीमार थे पर इतने तो बीमार नहीं थे, हम इश्क के हामी थे हवसकार नहीं, कौन आया है बाजार में बिकने के लिए आज, पहले तो कभी इतने खरीदार नहीं थे। यूपी के शायर वसीम राजुपुरी ने कहा- यहां बस दौलतों शोहरत वही इंसान कमाता है, जो इस दुनिया की सर्कस में नए कर्तब दिखाता है, कोई उस शख्स से पूछे इबादत किसकों कहते है, जो दिन भर अपने बच्चों के लिए रिक्शा चलाता है। लखनऊ से आए शायर आदिल रशीद ने कहा -जो है पाकिजा उसे आप गलाजत न लिखो, जिस्म की भूख को सरकार मोहब्बत न लिखो, लोग चालाक है उंगली पे नचाएंगे तुम्हें, घर से निकले हो तो चेहरे पे जरूरत न लिखो। साहरनपुर से आए शायर मंसूर राना मंसूर ने कहा- लहु से सिंचने वाले बुजुर्गो की विरासत है, ये हिंदुस्तान का गुलशन शहीदों की अमानत है, वफादारी की खातिर देश की सरहद पे मर जाना, हमारे मजहबे इस्लाम में ये भी इबादत है। धुलिया से आए शायर मतीन अनवर ने कहा- दो दिल जो अलग कर दे, वो शमशीर नहीं है, जो कैद करे हमको वो जंजीर नहीं है, ये जान है भारत के सपूतों की ए जालिम, कश्मीर तेरे बाप की जागीर नहीं है। इनके अलावा मुशीर अंसारी (मुंबई),क़मर ऐजाज़ (औरंगाबाद), दर्द देहलवी (दिल्ली), असलम चिश्ती (पूणे), नदीम अनवर (देवबंद),डॉ. ज़ाहिद नय्यर(अमरावती), अलीम वाजिद (रुड़की), नसीम फ़ैज़ी  (महाराष्ट्र),क़ाशिफ़ रज़ा (सहारनपुर), रफ़ीक़ नागौरी (म.प्र.) ने अपने अपने अंदाज में शेरो शायरी पढ़कर उपस्थित लोगों को बांधे रखा।
मुशायरे में मुख्य अतिथि म.प्र. अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष सनव्वर पटेल थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता निगम सभापति अंसार एहमद ने की। विशेष अतिथि के रूप में वरिष्ठ भाजपा नेता मतीन एहमद शेख, वरिष्ठ नेता ओम जोशी, भरत चौधरी, वरिष्ठ कांगे्रस नेता जाकिर उल्लाह शेख, संतोष मोदी आदि उपस्थित थे। इस अवसर पर सनव्वर पटेल ने अपने उद्बोधन में कहा कि प्रदर्शनी मेला अपनी सांस्कृतिक पहचान है। उन्होंने प्रदर्शनी के रियासतकालीन समय से प्रारंभ होकर आगे बढ़ाने पर नगर निगम की प्रशंसा की। कार्यक्रम अध्यक्ष अंसार एहमद ने अपने उद्बोधन में मेले की सार्थकता पर प्रकाश डालते हुए रियासत कालीन समय से आयोजित होने की जानकारी से अवगत कराया, तथा हिंदू मुस्लिम एकता को गंगा जमुनी तहजीब बताते हुए कहा कि ये संस्कृति हमारे शहर की पहचान है। मुशायरे की सदारत मुम्बई से आए शायर मुशीर अंसारी ने की तथा संचालन देवास के शायर ईस्माईल नजर ने किया। अतिथि एवं शायरों का स्वागत निगम लेख समिति अध्यक्ष बाली घोसी, पार्षद अकील हुसैन कालूबोस, प्यारे मियां पठान, इरफान अली, परवेज शेख, जुबेर लाला, परवेज विनर, जुगनु भाई, हाजी सुन्नु भाई टायर वाले, कदीर पहलवान, वाहिद भाई, जलाल भाई, अमन हुसैन, निगम उपयंत्री जितेन्द्र सिसोदिया, शाहिद अली, सौरभ त्रिपाठी आदि ने किया। मुशायरे में बड़ी संख्या में श्रोतागण उपस्थित थे।