सात डॉक्टरों, 450 इंजीनियरों ने ज्वाइन की चपरासी की नौकरी
ये खबर चौंकाने वाली जरूर है, लेकिन सच है। हाल में हुए एक नियुक्ति प्रक्रिया में सात डॉक्टरों और करीब 450 इंजीनियरों ने प्यून की नौकरी स्वीकार कर ली है। इतना ही नहीं, कारण पूछे जाने पर अभ्यर्थियों ने अपने-अपने तर्क भी दिए हैं।
अब इसे सरकारी नौकरी के प्रति युवाओं की दीवानगी कहें, या उनके क्षेत्रों में रोजगार की कमी। लेकिन चपरासी सहित वर्ग-4 के पदों पर नौकरी पाने के लिए हजारों की संख्या में डॉक्टरों, इंजीनियरों और स्नातक अभ्यर्थियों ने आवेदन कर डाले।
अब इसे सरकारी नौकरी के प्रति युवाओं की दीवानगी कहें, या उनके क्षेत्रों में रोजगार की कमी। लेकिन चपरासी सहित वर्ग-4 के पदों पर नौकरी पाने के लिए हजारों की संख्या में डॉक्टरों, इंजीनियरों और स्नातक अभ्यर्थियों ने आवेदन कर डाले।
30 हजार रुपये मिलेगा वेतन
ये भर्तियां गुजरात उच्च न्यायालय और अधीनस्थ अदालतों में चपरासी सहित वर्ग-4 के कुल 1149 पदों को भरने के लिए निकाली गई थीं। इसके लिए कुल 1,59,278 आवेदन प्राप्त हुए। इनमें से 44,958 स्नातक डिग्री धारक रहे। चयन प्रक्रिया पूरी होने के बाद 7 डॉक्टरों, 450 इंजीनियरों और 543 स्नातकों ने वर्ग-4 की नौकरी स्वीकार की है। इन्हें 30 हजार रुपये वेतन मिलेगा
नौकरी लेने के ऐसे तर्क
ये नौकरी लेने के पीछे डॉक्टर, इंजीनियर और स्नातक की डिग्री रखने वाले अभ्यर्थियों के अलग-अलग तर्क हैं। उनका कहना है कि ‘ये सरकारी नौकरी है। दूसरी बात ये कि इसमें ट्रांसफर का कोई झमेला भी नहीं है।’
जो अभ्यर्थी जज बनने के समकक्ष योग्यता रखते हैं, उन्होंने भी वर्ग-4 की नौकरी के लिए आवेदन किया, परीक्षा दी और चयन होने के बाद ज्वाइन करने के लिए भी तैयार हैं। इनका कहना है कि ‘इतनी पढ़ाई करने के बाद भी हमारे लायक नौकरी नहीं थी। आखिरकार हम चपरासी बनने के लिए भी तैयार हैं।’
इन डिग्रीधारकों ने ली चपरासी की नौकरी
डिग्री | आवेदक | चयनित |
ग्रेजुएट | 44958 | 543 |
पोस्ट ग्रेजुएट | 5727 | 119 |
टेक ग्रेजुएट | 196 | 156 |
बीटेक-बीई | 4832 | 450 |
मेडिकल | 19 | 7 |