उमा-सांझी महोत्सव में चार दिन तक सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं प्रतियोगिताएं आयोजित होंगी
उज्जैन । सृष्टि के सृजन-कर्ता शिव एवं उमा का प्रकृति एवं पुरूष का उत्सव श्री महाकालेश्वर मंदिर में उमा-सांझी महोत्सव के रूप में मनाया जाता है। यह महोत्सव अश्विन कृष्णपक्ष एकादशी से अश्विन शुक्ल द्वितीय तक मनाया जाता है। उमा-सांझी महोत्सव के पूजन की परंपरा प्राचीन संस्कृति पर आधारित है। इस वर्ष यह महोत्सव 25 सितम्बर से 28 सितम्बर तक मनाया जा रहा है। जिसमें प्रतिदिन विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया है। 30 सितम्बर को श्री उमा माता की सवारी निकाली जावेगी।
श्री महाकालेश्वर मंदिर में इस वर्ष भी परंमपरानुसार उमा-सांझी महोत्सव के दौरान 25 सितम्बर को प्रात: 08.30 बजे श्री महाकालेश्वर मंदिर के सभामंडप में शासकीय पुजारी पं. घनश्याम शर्मा के आचार्यत्व में 21 ब्राम्हणों द्वारा घटस्थापना की जावेगी। उसके पश्चात दोपहर 01 बजे से सायं 04 बजे तक बच्चों हेतु मंदिर परिसर के नृसिंह मंदिर बरामदे में रंगोली प्रतियोगिता का आयोजन किया गया है। जो दो वर्गों में होंगी। कनिष्ठ वर्ग कक्षा 01 से 07 तक एवं वरिष्ठ वर्ग कक्षा 08 से 12 तक रहेगा। रंगोली प्रतियोगिता के प्रतिभागियों को रंगोली के रंग स्वयं लाने होगे। दोपहर में ही श्री महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी एवं पुरोहितों द्वारा सभामंडप स्थित प्राचीन पत्थर पर रंगोली से संझा बनाई जावेगी एवं सभामंडप में श्री राम मंदिर के पास सायं 05 से 06.30 बजे 25 से 28 सितम्बर तक श्री बालकृष्णनाथ ढोली बुआ महाराज का नारदीय कीर्तन होगा। सायं आरती के पश्चात सभामंडप में 21 ब्राम्हणों द्वारा वसंत पूजा की जावेगी। उसके पश्चात मंदिर परिसर में लोक संस्कृति से जुडे हुए कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी जावेगी। जिसमें सर्व प्रथम श्रीमती प्रीतिबोरलिया देवले व समूह का लोकगीत गायन, श्रुतिश्री संगीत साधनाश्रम द्वारा समूह तबला व जुगलबंदी, श्री गिरधारीलाल गेहलोत दर्शन लोककला मंडल द्वारा लोक नृत्य की प्रस्तुति दी जावेगी। प्रतिदिन सांस्कृतिक कार्यक्रम के पूर्व 15 मिनिट तक श्री राकेश मकवान व उनके समूह के 15 सदस्यों द्वारा ढोल वादन की प्रस्तुति दी जावेगी। श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति लोकसंस्कृति एवं मॉ उमा की उपासना के उत्सव में सभी भक्तजनों को सादर आमंत्रित करती है।