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माता वैष्णों देवी के भक्तों के लिए खुशखबरी, अब भवन में पुरानी गुफा के होंगे स्वर्णिम दर्शन

(देवराज सिंह चौहान)  कटराः शारदीय नवरात्र में मां वैष्णो देवी (Vaishno Devi) के पावन दर्शनों की अभिलाषा रखने वाले भक्तों के लिए खुशखबरी है. मैय्या रानी के भवन में आने वाले श्रद्धालुओं को अब माता की पुरानी गुफा के स्वर्णिम दर्शन होंगे.माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड (Vaishno Devi Shrine Board) द्वारा मां वैष्णो देवी की प्राचीन गुफा के प्रवेश द्वार को स्वर्ण युक्त बनाया गया.29 सितंबर को पहले नवरात्र से श्रद्धालु इस द्वार के दर्शन कर सकेंगे. इस स्वर्ण द्वार को बनाने में 10 करोड़ की राशि खर्च आयी है,जो माता के मंदिर के चढ़ाबे से खर्च की गई,

65 दिन में बन कर तैयार किये गया यह स्वर्ण द्वार 16 फ़ीट चौडा और 25 फ़ीट ऊंचा है. स्वर्ण द्वार के निर्माण में हजार किलो चांदी, हजार किलो ताम्बा और 10 किलो सोने का इस्तेमाल किया गया. मुख्य द्वार पर 25 किलो की सोने चांदी कि घंटी लगाई गई है. स्वर्ण द्वार पर सबसे ऊपर स्वर्ण जड़ित छत्र ,3 स्वर्ण गुम्बद और सबसे नीचे 2 शेर बने हैं, स्वर्ण द्वार पर दोनों तरफ देवी देवताओं के चित्र और माता की आरती अंकित हैं.

इस स्वर्णिम प्रवेश द्वार में विभिन्न देवी-देवताओं के चित्र अंकित है. मां वैष्णो देवी (Mata Vaishno Devi) के इस स्वर्णिम प्रवेश द्वार पर गुबंद के साथ ही 3 सोने के झंडे तथा विशाल स्वर्णयुक्त छत्तर है, तो वहीं मां वैष्णो देवी के नौ रूपी स्वर्ण युक्त चित्र अंकित किए गए हैं. जिनमें मां दुर्गा के 9 रूपों (शैलपुत्री, चंद्रघंटा, कूषमांडा, स्कंदमाता, कात्यायानी, महागौरी, सिद्धिदात्री, कालरात्रि, ब्रह्मचारिणी) को दर्शाया गया है. वहीं प्रवेश द्वार के दाएं तरफ महालक्ष्मी (Mahalaxmi) का करीब 6 फीट लंबा स्वर्णयुक्त चित्र अंकित है.
इसी तरह द्वार के दाईं तरफ स्वर्ण युक्त मां वैष्णो देवी (Mata Vaishno Devi) की आरती (Aarti) होगी.

स्वर्ण युक्त प्रवेश द्वार के मध्य में करीब 25 किलो की सोना (Gold) व चांदी (silver) युक्त घंटी है. इसी तरह स्वर्ण युक्त इस प्रवेश द्वार के भीतर त्रिदेव यानी ब्रह्मा, विष्णु, महेश के साथ ही भगवान सूर्य देव के चित्र अंकित है. साथ ही प्रवेश द्वार की ऊपरी सतह पर भगवान गणेश (Lord Ganesh) के साथ ही हनुमान (Hanuman) के स्वर्ण युक्त चित्र अंकित है.प्रवेश द्वार को मजबूत बनाने के लिए सोने के साथ ही तांबा तथा चांदी का भी उपयोग किया गया है.

आपको बता दें कि आने वाले सालों-साल तक इस प्रवेश द्वार की चमक-दमक बरकरार रहे इसके लिए इस प्रवेश द्वार को मजबूती देने के लिए सोने के साथ ही चांदी तथा तांबे का उपयोग किया गया है. जिसमें 1000 किलो तांबा तथा 1000 किलो चांदी के साथ ही करीब 10 किलो सोने का इस्तेमाल किया गया है.