राजस्थान

10 साल से अपने ही लाडले को बेड़ियों में जकड़ने को मजबूर हुए मां-बाप, जानें क्यों…

(देवराज सिंह चौहान) बांसवाड़ा: पैरों में बेड़ियां, बेड़ियों से बंधी जंजीर और उस पर लगा ताला. तस्वीरे देखकर पहली नजर में लगेगा कि ये कोई अपराधी है, जिसकी सजा में बेड़ियां मुकर्रर की गई है. लेकिन जब इसके पीछे की हकीकत जानेंगे आपके होश उड़ जाएंगे, रूह कांप जाएगी.

खबर के मुताबिक बेटे को बेड़ियों में कसने वाला कोई और नहीं बल्कि खुद इनके मां-बाप है. बदनसीब मां-बाप अपने ही बच्चों को पिछले 10 सालों से बेड़ियों में जकड़ने को मजबूर है. तस्वीरे देखकर हर कोई सोचने पर मजबूर हो जाता है, कि कैसे मां-बाप है,जो अपने ही जिगर के टुकड़े को बेड़ियों में बांध रखा है. तो जान लीजिए गरीबी की गुरमत में जी रहे इस मां-बाप की नियति सुनेंगे तो किसी की भी आखें में आंसू छलक जाएंगे.
पैरों में बेड़ियों के कसाव के दर्द को बेटा पिछले 10 सालों से झेल रहा है, तो गरीबी और गुरबत ने इस पिता को भी पत्थर दिल बना दिया है. जिसके जन्म पर घर में खुशियां की बहार थी, आज उन्हीं हाथों से कलेजे के टुकड़े को बेड़ियां में जकड़ना पड़ रहा है. 16 साल का अरूण कलाल मानसिक तौर पर बीमार है. पिता ने गुजरात और बांसवाडा में इलाज कराया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ.

वहीं, पिता भी 6 साल पहले लकवे का शिकार होकर घर बैठ गया, अब मां की मजदूरी से जैसे तैसे घर का चूल्हा जलता है. पैसे के अभाव में इस बच्चे का इलाज नहीं हो पा रहा है. गुरबत की जिंदगी जी रहे इस परिवार को अब आखिरी उम्मीदें सरकार से ही टिकी है. परिवार वाले सरकार से गुहार लगा रहे हैं, कि बच्चे का इलाज किसी अच्छे अस्पताल में हो, ताकि उन्हें ये दिन ना देखना पड़े. अब देखना होगा कि सरकार के नुमाइंदे इस गरीब परिवार की मदद के लिए आगे आते हैं या नहीं.