निजी अस्पताल की लापरवाही से प्रसूता की मौत
(देवराज सिंह चौहान) झालावाड़: शहर के निजी संजीवनी व्यास हॉस्पिटल में इलाज के दौरान प्रसूता की मौत के बाद परिजनों ने जमकर हंगामा किया. परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर उपचार में लापरवाही से प्रसूता की मौत के बाद अतिरिक्त शुल्क वसूलने का गंभीर आरोप लगाया है.
झालावाड़ जिले के हेमड़ा निवासी प्रवीण नागर ने बताया कि उसकी पत्नी को डिलीवरी के लिए संजीवनी व्यास हॉस्पिटल में 24 अगस्त को भर्ती कराया था. 25 अगस्त को चंद्रकला ने सिजेरियन ऑपरेशन के बाद एक बच्ची को जन्म दिया, लेकिन उसके बाद से ही नवजात बच्ची की हालत गंभीर हो गई. जिस पर परिजनों ने संजीवनी निजी अस्पताल में 5 हजार रुपये राशि जमा करवाई और उसके बावजूद गंभीर हालत में मजबूरन नवजात बालिका को जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया.
ऐसी परिस्थितियों के बावजूद भी संजीवनी अस्पताल प्रशासन ने नवजात की मां चंद्रकला को छुट्टी नहीं दी. इस दौरान प्रसूता चंद्रकला की भी तबीयत बिगड़ गई, जिस पर परिजनों ने संजीवनी व्यास अस्पताल की चिकित्सक और स्टाफ के उपचार की गुहार लगाई लेकिन 3 घंटे तक भी महिला चिकित्सक के नहीं पहुंचने से प्रसूता चंद्रकला बाई की मौत हो गई.
प्रसूता की मौत के बाद भी अस्पताल प्रशासन ने पूर्व में 15 हजार शुल्क जमा करा चुके परिजनों से 20 हजार रुपये और अतिरिक्त शुल्क जमा करवाने की मांग की और शव को देने से मना कर दिया. ऐसे में परेशान परिजनों ने झालरापाटन थाने पहुंचकर अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज करवाया और अस्पताल प्रशासन और चिकित्सकों को प्रसूता चंद्रकला की मौत का जिम्मेदार ठहराया है.
उधर संजीवनी व्यास हॉस्पिटल महिला की मौत का कारण बीपी बढ़ना और प्लेटलेट्स की कमी बता रहा है और अपना पल्ला झाड़ रहा है. वहीं झालरापाटन थाना अधिकारी ने भी परिजनों की रिपोर्ट पर शव का पोस्टमार्टम करवा दिया है और मामले की जांच शुरू कर दी है. इधर प्रसूता की मौत के बाद परिजन अस्पताल प्रशासन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग पर अड़े हैं. अब देखना होगा कि प्रसूता चंद्रकला को अस्पताल प्रशासन की लापरवाही से मौत के बाद इंसाफ मिलता है कि नहीं.