उज्जैन

पूर्ण पवित्र नगरी का दर्जा दे कमलनाथ सरकार, नही तो 300 करोड़ हो जाएंगे बेकार  स्वर्णिम भारत मंच ने की मांग

उज्जैन – कमलनाथ सरकार ने महाकालेश्वर मंदिर में   दुनिया के कोने कोने से दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए 300 करोड़ रुपये खर्च करने का अहम फैसला लिया है जो स्वागत योग्य है परन्तु  कमलनाथ सरकार के 300 करोड़ पानी मे चले जायेंगे यदि उज्जयिनी को पूर्ण पवित्र नगरी का दर्जा नही मिला तो स्वर्णिम भारत मंच ने कमलनाथ सरकार  से मांग की है कि विश्व पटल पर उज्जैन का वैभव करोड़ो खर्च करने से नही बनेगा बल्कि अवन्तिका नगरी के धार्मिक महत्व को बचाने से ही निखरेगा इसलिए पहले उज्जैन को पवित्र नगरी का पूर्ण दर्जा दिया जाए स्वर्णिम भारत मंच के संयोजक दिनेश श्रीवास्तव ने बताया कि हमने कमलनाथ सरकार से मांग की है कि उज्जैन पवित्र नगरी का सीमा क्षेत्र बढ़ाने के लिए वर्ष दो हजार पांच में दिनांक इक्कतीस अक्टूम्बर को जारी गजटनोटिफिकेशन क्रमांक पांच सौ सेत्तीस को संसोधित  किया जाकर पवित्र नगरी से कत्लखाने मांस की दुकानें पूर्णतः प्रतिबंधित की जाए सरकार बड़ा सकती है पवित्र नगरी का दायरा स्वर्णिम भारत मंच ब्रह्मनलीन संत प्रतिराम रामस्नेही से  प्रेरणा लेकर महाकाल मंदिर के आसपास के 2 किमी क्षेत्र से कत्लखाने मांस की दुकानें हटाने का आंदोलन कई वर्षों से कर रहा है परंतु स्थानीय नगर निगम व प्रशासन की उदासीनता के चलते यह पवित्र कार्य नही हो पाया है पिछली  शिवराज सरकार ने भी कई बार आश्वासन दिए है लेकिन निराशा ही मिली है दिनेश श्रीवास्तव ने कहा कि हमने पवित्र नगरी के लिए उच्च न्यायालय खंडपीठ इंदौर भी  एक जनहित याचिका प्रस्तुत की थी परंतु गजटनोटिफिकेशन में मात्र पवित्र नगरी की सीमा 200 मीटर होने से निर्णय नही हो पाया था पवित्र नगरी का दायरा कैबिनेट में ही बढ़ सकता है जो कमलनाथ सरकार आसानी से कर सकती है भोपाल में धरना स्वर्णिम भारत मंच  सरकार को जगाने के लिए भोपाल विधानसभा के बाहर भी धरना देगा पहले चरण में मुख्यमंत्री कमलनाथ व सरकार के जिम्मेदार मंत्रियों को अवगत कराया जाएगा यदि सरकार ने नही सुना तो चरणबध आंदोलन चलाया जाएगा