उज्जैन देश

काशी विश्वनाथ की तर्ज पर होगा महाकाल मंदिर का विकास

उज्जैन। महाकाल मंदिर के विकास और सौंदर्यीकरण को कमलनाथ सरकार ने अपनी प्राथमिकताओं में शामिल कर लिया है और महाकाल मंदिर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा काशी विश्वनाथ मंदिर के विकास को लेकर बनाई गई योजना की तर्ज पर विकसित करने का फैसला किया है।

शुक्रवार को प्रभारी मंत्री सज्जन सिंह वर्मा,नगरीय प्रशासन मंत्री जयवर्धन सिंह, धर्मस्व मंत्री पीसी शर्मा और मुख्य सचिव सुधिरंजन मोहंती ने संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में ये जानकारी दी। दरअसल महाकाल मंदिर के विकास और सौंदर्यीकरण का ब्लू प्रिंट तैयार करने के लिए कमलनाथ सरकार ने होमवर्क शुरू कर दिया है। शुक्रवार को इसी को लेकर सरकार के तीन मंत्रियों ने उज्जैन आकर अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों सहित महाकाल मन्दिर से जुड़े लोगों के साथ मिलकर बृहस्पति भवन में मंथन किया और महाकाल मंदिर के विकास और सौंदर्यीकरण की योजना की रूपरेखा तैयार की। बैठक के तीनों मंत्रियों ने मुख्य सचिव सुधि रंजन मोहंती के साझा प्रेस कांफ्रेंस में ये जानकारी दी कि मोटे तौर पर महाकाल मंदिर के विकास और सौंदर्यीकरण के लिए 300 करोड़ की योजना बनाई गई है,पर ये अंतिम नहीं है और जरूरत के मुताबिक इसे बढ़ाया जा सकता है जो 500 से 1000 करोड़ की भी हो सकती है। महाकाल मंदिर के विकास की योजना में रुद्र सागर, शिप्रा नदी, रामघाट भी शामिल रहेंगे। महाकाल मंदिर में श्रद्धालुओं के लिए और क्या बेहतर व्यवस्थाएं की जा सकती है इसके लिए एक टीम देश के प्रमुख मंदिरों तिरुपति बालाजी, शिर्डी साईं बाबा, काशी विश्वनाथ, सोमनाथ आदि मंदिरों में भेजी जाएगी जो वहां की व्यवस्थाओं का अध्ययन कर आएगी ताकि उन व्यवस्थाओ का यहां इम्प्लीमेंटेशन कराया जा सके।
प्रेस कांफ्रेंस में प्रभारी मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने जोर देकर कहा कि महाकाल मंदिर के विकास और सौंदर्यीकरण के साथ ही महाकाल मंदिर के एक्ट में भी बदलाव किया जाएगा ताकि भगवान महाकाल के दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं के लिए और बेहतर व्यवस्थाएं और सुविधायें विकसित की जा सकें। साथ ही महाकाल मंदिर से वीआईपी कल्चर को पूरी तरह खत्म किया जाएगा। वीआईपी के दर्शन के लिए सुबह 6 से 7
और दोपहर 3 से 4 बजे का समय निर्धारित रहेगा जबकि तीज त्यौहारों पर वीआईपी के लिए कोई अतिरिक्त व्यवस्थाएं नहीं रहेंगी।