भोपाल

आंखों की रोशनी खोने वालों को 25-25 लाख का मुआवजा दे सरकार : राकेश सिंह

   भोपाल। अस्पताल की लापरवाही के कारण 11 लोगों को अपनी आंखों की रोशनी गवांनी पड़ी है। उनमें से अधिकांश गरीब परिवारों के लोग हैं, जिनके लिए आंखें खराब हो जाने के बाद गुजारा करना या अपनी जिंदगी चलाना भी मुश्किल हो जाएगा। ऑपरेशन करने वाले अस्पताल का केवल लायसेंस रद्द किए जाने से इन मरीजों को आंखें ठीक नहीं होने वाली। इसलिए सरकार को प्रत्येक मरीज को 25-25 लाख रुपए का मुआवजा देना चाहिए, ताकि इस राशि से वे अपने भविष्य का इंतजाम कर सकें। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व सांसद श्री राकेश सिंह ने यह मांग मुख्यमंत्री कमलनाथ से की है।   प्रदेश अध्यक्ष श्री राकेश सिंह ने इंदौर में आंख के ऑपरेशन के दौरान 11 रोगियों की रोशनी चले जाने की घटना को दुखद बताते हुए कहा कि यह इस बात उदाहरण है कि प्रदेश सरकार राष्ट्रीय अंधत्व निवारण कार्यक्रम जैसी महत्वपूर्ण योजना को कितनी गंभीरता से लेती है। श्री राकेश सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार ने इस गंभीर लापरवाही पर पर्दा डालने के लिए 20 हजार रुपए के मुआवजे, अस्पताल का लायसेंस कैंसिल करने जो निर्णय लिए हैं, वे मरीजों को हुए नुकसान की तुलना में कुछ भी नहीं है। आंखों की रोशनी चली जाने के बाद ये मरीज अपने परिवार के लिए कितनी बड़ी समस्या बनेंगे, इसका अंदाज उस बेटे की बात से लगाया जा सकता है, जिसने अपनी मां से कह दिया है कि वह जब तक उसकी आंखें ठीक न हो जाएं, अस्पताल में ही रहे। श्री सिंह ने कहा कि सरकार की लापरवाही ने उन 11 बुजुर्गों की जिंदगी को नर्क बना दिया है,जो अपनी आंखें अच्छी हो जाने की आस लिए ऑपरेशन के लिए आए थे। श्री राकेश सिंह ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि वह लापरवाही के शिकार प्रत्येक मरीज को 25-25 लाख रुपए का मुआवजा दे और लापरवाही के दोषी डॉक्टरों तथा अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज करे।