इमरान के मंत्री ने की भारत से रिश्ते तोड़ने की मांग
(देवराज सिंह चौहान) नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद पाकिस्तान सरकार में मंत्री फवाद चौधरी ने संसद के संयुक्त सत्र में भारत के साथ राजनयिक संबंध तोड़ने की मांग की है. इसके साथ ही फवाद चौधरी ने कहा कि पाकिस्तान में भारतीय उच्चायुक्त अजय बिसारिया एक अच्छे इंसान हैं लेकिन वे एक फासिस्ट शासन का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं.
विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री फवाद चौधरी ने कहा कि अगर भारत हमसे कोई बातचीत नहीं करने वाला है तो अब कोई राजनयिक संपर्क नहीं होगा. ऐसे में हमारे उच्चायुक्त के वहां और उनके प्रतिनिधि के यहां होने का क्या मतलब है? इसके साथ ही पाकिस्तान जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद भारत से राजनयिक संबंध समाप्त करने के बारे में सोच रहा है. प्रधानमंत्री इमरान खान की अध्यक्षता में हुई राष्ट्रीय सुरक्षा की बैठक में इस मुद्दे पर विस्तृत चर्चा की गई है.
भारत सरकार की ओर से अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू कश्मीर को दिए गए विशेष दर्जे को वापस लिए जाने के खिलाफ पाकिस्तानी संसद के संयुक्त सत्र में मंगलवार को एक प्रस्ताव पेश किया गया. सत्र की शुरुआत पाकिस्तान के संसदीय मामलों के संघीय मंत्री आजम खान स्वाती ने कश्मीर घाटी में भारतीय कदम की निंदा करते हुए एक प्रस्ताव पेश किया.
सत्र के एजेंडे में अनुच्छेद 370 में संशोधन से संबंधित एक खंड को न जोड़े जाने को लेकर विपक्ष ने विरोध जताया, जिसके लिए सत्र को 20 मिनट के लिए स्थगित करना पड़ा.
विपक्ष के हंगामे के बाद सीनेटर स्वाती ने सदन के समक्ष संशोधित प्रस्ताव पेश किया, जिसमें अनुच्छेद 370 का उल्लेख था. पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के प्रधानमंत्री राजा फारूक हैदर भी मंगलवार को संसद में मौजूद रहे. सत्र की अध्यक्षता नेशनल असेंबली के स्पीकर असद कैसर ने की. पाकिस्तान के विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री फवाद चौधरी, रेल मंत्री शेख रशीद, मानवाधिकार मंत्री शिरीन मजारी और नेशनल असेंबली में विपक्ष के नेता शहबाज शरीफ संसद में मौजूद रहे