देवास

विधि महाविद्यालय में आभासी न्यायालय का मंचन

देवास। शासकीय विधि महाविद्यालय, देवास में आभासी न्यायालय (मूट-कोर्ट) का मंचन किया गया। विधि संकाय के तृतीय वर्ष के छात्र/छात्राओं द्वारा मूट-कोर्ट में वास्तविक कोर्ट के किरदारों को निभाया गया। एक तय केस पर पक्ष/विपक्ष ने अपनी दलीले पेश की, गवाहो ने अपने बयान दिये, अधिवक्ताओं ने अपने सवाल/जवाब किये व पूरी सुनवाई के बाद न्यायाधीश द्वारा अपना फेसला सुनाया गया। आयोजन के समय पूरा वातावरण वास्तविक कोर्ट की भांति ही लग रहा था। इस आयोजन में बाह्य परीक्षक के रूप में उपस्थित डॉ. अरूणा सेठी, प्राध्यापक एवं विभागाध्यक्ष, शासकीय विधि महाविद्यालय, उज्जैन महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. अजय कुमार चौहान, आंतरिक परीक्षक डॉ. मीना वागड़े, डॉ. सीमा सोनी एवं डॉ. संगीता मसानी ने मूट-कोर्ट की कार्यवाही को देखा व विभिन्न चिन्हित विषयों पर छात्र/छात्राओं को मार्गदर्शन दिया। इस आभासी न्यायालय में न्यायाधीश की भूमिका रजनी पवार, अभियोजन अधिवक्ता नाजिय़ा अब्बासी-विष्णुसिंह गेहलोद, अभियुक्त अधिवक्ता दीक्षा शर्मा, अभियुक्तगण मनोज वर्मा, आकाश गोयल, हर्षा जेठवा, साक्षीगण तारिख खान(मुनीम), नीरज प्रजापति(इंस्पेक्टर), षिवानी गुप्ता(डॉक्टर), सीमा डामोर(गृह परिचारिका), सर्वेन्द्र राठौर(पंडित), राहुल पुष्पद(बचाव साक्षी), शपथ दिलाने वाला स्वाति नामदेव, टाईपिस्ट नीधि नामदेव, अर्दली त्रिलोक लोदी, सिविल बाबु मुकेष वास्केल, क्रिमिनल बाबु देवराज पचलासिया ने किरदारों की भूमिका निभाई। इस अवसर पर प्राचार्य डॉ. अजय कुमार चौहान ने कहा कि आभासी न्यायालय में छात्र/छात्राऐं न्यायालय की वास्तविकता को समझता है इससे छात्र/छात्राओं का आत्मबल बढ़ता है, आभासी न्यायालय वास्तविक न्यायालय व छात्र/छात्राओं के बीच एक सेतु का कार्य करता है जो कि छात्र/छात्राओं के भविष्य के लिए अतिआवश्यक है, साथ ही आभासी न्यायालय में अभ्यास से वास्तविक नैतिकता और वकालत करने के लिए छात्र/छात्राओं का दृष्टिकोण विकसित होता है। इस आभासी न्यायालय के आयोजन में महाविद्यालय के डॉ. मीना वागड़े, डॉ. डॉ. ज़ाकिर खान, डॉ. संगीता राठौर, डॉ. पूजा नागर, आषीष पटेल, सुनिल गुजराती, किशोर चौधरी, प्रतीक जोशी, रूकमणी यादव सहित महाविद्यालय के छात्र/छात्राऐं उपस्थित थे। विधि महाविद्यालय में आभासी न्यायालय का मंचन देवास। शासकीय विधि महाविद्यालय, देवास में आभासी न्यायालय (मूट-कोर्ट) का मंचन किया गया। विधि संकाय के तृतीय वर्ष के छात्र/छात्राओं द्वारा मूट-कोर्ट में वास्तविक कोर्ट के किरदारों को निभाया गया। एक तय केस पर पक्ष/विपक्ष ने अपनी दलीले पेश की, गवाहो ने अपने बयान दिये, अधिवक्ताओं ने अपने सवाल/जवाब किये व पूरी सुनवाई के बाद न्यायाधीश द्वारा अपना फेसला सुनाया गया। आयोजन के समय पूरा वातावरण वास्तविक कोर्ट की भांति ही लग रहा था। इस आयोजन में बाह्य परीक्षक के रूप में उपस्थित डॉ. अरूणा सेठी, प्राध्यापक एवं विभागाध्यक्ष, शासकीय विधि महाविद्यालय, उज्जैन महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. अजय कुमार चौहान, आंतरिक परीक्षक डॉ. मीना वागड़े, डॉ. सीमा सोनी एवं डॉ. संगीता मसानी ने मूट-कोर्ट की कार्यवाही को देखा व विभिन्न चिन्हित विषयों पर छात्र/छात्राओं को मार्गदर्शन दिया। इस आभासी न्यायालय में न्यायाधीश की भूमिका रजनी पवार, अभियोजन अधिवक्ता नाजिय़ा अब्बासी-विष्णुसिंह गेहलोद, अभियुक्त अधिवक्ता दीक्षा शर्मा, अभियुक्तगण मनोज वर्मा, आकाश गोयल, हर्षा जेठवा, साक्षीगण तारिख खान(मुनीम), नीरज प्रजापति(इंस्पेक्टर), षिवानी गुप्ता(डॉक्टर), सीमा डामोर(गृह परिचारिका), सर्वेन्द्र राठौर(पंडित), राहुल पुष्पद(बचाव साक्षी), शपथ दिलाने वाला स्वाति नामदेव, टाईपिस्ट नीधि नामदेव, अर्दली त्रिलोक लोदी, सिविल बाबु मुकेष वास्केल, क्रिमिनल बाबु देवराज पचलासिया ने किरदारों की भूमिका निभाई। इस अवसर पर प्राचार्य डॉ. अजय कुमार चौहान ने कहा कि आभासी न्यायालय में छात्र/छात्राऐं न्यायालय की वास्तविकता को समझता है इससे छात्र/छात्राओं का आत्मबल बढ़ता है, आभासी न्यायालय वास्तविक न्यायालय व छात्र/छात्राओं के बीच एक सेतु का कार्य करता है जो कि छात्र/छात्राओं के भविष्य के लिए अतिआवश्यक है, साथ ही आभासी न्यायालय में अभ्यास से वास्तविक नैतिकता और वकालत करने के लिए छात्र/छात्राओं का दृष्टिकोण विकसित होता है। इस आभासी न्यायालय के आयोजन में महाविद्यालय के डॉ. मीना वागड़े, डॉ. डॉ. ज़ाकिर खान, डॉ. संगीता राठौर, डॉ. पूजा नागर, आषीष पटेल, सुनिल गुजराती, किशोर चौधरी, प्रतीक जोशी, रूकमणी यादव सहित महाविद्यालय के छात्र/छात्राऐं उपस्थित थे।