उज्जैन देश

भगवान श्री महाकाल की तीसरी सवारी  में भगवान श्री महाकाल शिवतांडव स्‍वरूप में गरूड पर सवार होकर अपने भक्‍तों को देंगे दर्शन

उज्‍जैन।(मधुसूदन शर्मा) १२ ज्‍योतिर्लिंगों में से एक दक्षिणमुखी भगवान श्री महाकालेश्‍वर की श्रावण माह में निकलने वाली सवारी के क्रम में तीसरे सोमवार ०५ अगस्‍त को भगवान श्री महाकालेश्‍वर श्री शिवतांडव के रूप में गरूड पर सवार होकर अपने भक्‍तों को दर्शन देंगे। साथ ही पालकी में श्री चन्‍द्रमोलेश्‍वर तथा हाथी पर श्री मनमहेश के रूप में विराजित होकर अपनी प्रजा का हाल जानने नगर भ्रमण पर निकलेंगे।

      श्री महाकालेश्‍वर भगवान की सवारी निकलने के पूर्व श्री महाकालेश्‍वर मंदिर के सभामंडप में भगवान श्री चन्‍द्रमोलेश्‍वर का विधिवत पूजन-अर्चन होगा। उसके पश्‍चात भगवान श्री चन्‍द्रमोलेश्‍वर सायं 4.00 बजे पालकी में विराजित होकर नगर भ्रमण पर निकलेंगे। मंदिर के मुख्‍य द्वार पर सशस्‍त्र पुलिस बल के जवानों द्वारा पालकी में विराजित भगवान को सलामी (गार्ड ऑफ ऑनर) दी जावेगी। उसके बाद सवारी परंपरागत मार्ग महाकाल चौराहा, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार और कहारवाडी से होती हुई रामघाट पहुंचेगी। जहां मॉं क्षिप्रा के जल से भगवान का अभिषेक और पूजन किया जावेगा। इसके बाद सवारी रामानुजकोट, मोढ की धर्मशाला, कार्तिक चौक खाती का मंदिर, सत्‍यनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार और गुदरी बाजार से होती हुई पुन: श्री महाकालेश्‍वर मंदिर पहुंचेगी।

      भगवान श्री महाकालेश्‍वर की सवारी व नागपंचमी पर्व पर खुलने वाले श्री नागचन्‍द्रेश्‍वर मंदिर का लाईव प्रसारण श्री महाकालेश्‍वर मंदिर प्रबंध समिति की वेब साइट www.mahakaleshwar.nic.in पर किया जावेगा। सवारी के दौरान श्रद्धालुओं से अपील की जाती है कि, कृपया सवारी मार्ग में सडक की ओर व्‍यापारीगण भट्टी चालू न रखें और न ही तेल का कढाव रखें। दर्शना‍र्थी सवारी में उल्‍टी दिशा में न चलें और सवारी निकलने तक अपने स्‍थान पर खडे रहें। दर्शनार्थी कृपया गलियों में वाहन न रखें। श्रद्धालु सवारी के दौरान सिक्‍के, नारियल, केले, फल आदि न फैकें। सवारी के बीच में प्रसाद और चित्र वितरण न करें। इसके अलावा पालकी के आसपास अनावश्‍यक संख्‍या में लोग न रहें।