वेल्डिंग मिस्त्री, सेना की डिटेल जुटाकर भेजते सीमापार
(देवराज सिंह चौहान) मुज़फ्फरनगर: सेना की जासूसी करने के आरोप में उत्तर प्रदेश के मुज़फ्फरनगर जिले का एक युवक गिरफ्तार किया गया है. नौकरी के लिए हिसार गए दो युवकों को मिल्ट्री इंटेलिजेन्स ने हिरासत में लिया है, जिनपर सेना की गतिविधियों को सोशल मीडिया के जरिये पाकिस्तान भेजने का आरोप है. दोनों युवकों को मिल्ट्री क्षेत्र में मेस बिल्डिंग निर्माण में लगी सिविल कंट्रक्शन कम्पनी में लेबर के रूप में काम करते हुए हिरासत में लिया गया है. पुलिस ने इनके पास से मोबाइल वीडियो क्लिप व्हाट्सएप वॉइस और कुछ फोटोग्राफ्स बरामद किए हैं.
दोनों युवकों के परिजनों का कहना है कि उनके बच्चे बेकसूर हैं उन्हें फंसाया गया है. वह ऐसा नहीं कर सकते. वहीं अभी तक मुज़फ्फरनगर के पुलिस अधिकारियों को इस तरह की कोई सूचना होने से इनकार कर रहे हैं.
दरअसल, मामला हरियाणा राज्य के हिसार का है, जहां मुज़फ्फरनगर जनपद के गांव शेरपुर निवासी दो युवक मेहताब और रागिब मिल्ट्री क्षेत्र में चल रहे मेस बिल्डिंग के निर्माण कार्य के लिए सिविल कंट्रक्शन कंपनी में लेबर के रूप में कार्य करने के लिए 12 दिन पहले गए थे. सेना की गतिविधियों को लगातार अपने मोबाइल कैमरे में कैद कर रहे थे. शुक्रवार को मिल्ट्री इंटेलिजेंस और मिल्ट्री पुलिस ने सेना की जासूसी के आरोप में तीन युवकों को हिरासत में ले लिया था, जिसमें दो मुज़फ्फरनगर के निवासी हैं. जबकि एक शामली जनपद का निवासी है.
पुलिस ने इनके पास से मोबाइल से वीडियो क्लिप, व्हाट्सएप वॉइस व फोटो ग्राफ्स बरामद किए हैं. इन पर सेना की जासूसी के लिए पाकिस्तान के जासूसों के संपर्क में होने का आरोप है. वहीं इन्हें सेना की गतिविधियों को सोशल मीडिया के जरिये पाकिस्तान भेजने के आरोप में हिरासत में लिया गया है. फिलहाल इन लोगों से पूछताछ जारी है.
वहीं, इस घटना का पता लगते ही दोनों युवकों के गांव में हड़कम्प मच गया. दिन निकलते ही गांव में पंचायत बैठ गयी और सब लोगों ने इस घटना पर चर्चा की. ग्रामीणों का कहना है कि ये तो मजदूरी के लिए गए थे वहीं दोनों युवकों के परिजनों का कहना है कि उनके बच्चे तो बेकसूर हैं उन्हें फंसाया गया है वह ऐसा नहीं कर सकते.
मेहताब के पिता हनीफ ने बताया कि हमें तो इतना पता चला है कि वह काम पर गए थे उन्होंने कोई फोटो लिया होगा या जो भी कुछ किया होगा, उनको पकड़कर ऑफिस में बैठा लिया. यह नहीं हमें पता कि उन्होंने किस चीज की फोटो ली है. वे वहां पर वेल्डिंग का काम करते हैं. वह सब ठेकेदार के साथ यहां से गए थे अभी तक मेरी किसी से बात नहीं हुई है. बच्चों से बात हुई होगी वे बेकसूर हैं कोई भी हमारे बारे में पता कर ले. एक ठेकेदार तो उनमें से गिरफ्तार है और एक उनमें से फरार है.
उन्होंने फोन करके हमें भी जानकारी तक नहीं दी थी, ऐसे हो गया हमें तो न्यूज़ से पता चला है कि ऐसे ऐसे काम हो गया है. उन्हें हिरासत में ले रखा है इतना ही पता है, हमें बाकी कुछ नहीं पता वह हिसार में हैं.
रागिब के भाई मुजम्मिल ने बताया कि मैं रागीब का भाई हूं हमें यह पता चला है कि उसको जासूसी में फंसा दिया गया है. हिसार में वहां पर वेल्डिंग का काम करने गए थे वे ऐसा काम नहीं कर सकते हैं, वह तो ऐसा आदमी है कि किसी से बदतमीजी से भी नहीं बोल सकता. लड़ भी नहीं सकता किसी से यहां भी वह काम करता था और दो चार रुपये कमाने के चक्कर में वहां पर चला गया. यहां से उन्हें ठेकेदार अपने साथ लेकर गया था उससे भी कोई संपर्क नहीं हो पा रहा है. उसका भी फोन बंद आ रहा है. अभी कुछ नहीं कह सकते कोई बात हो या मुलाकात हो तभी कुछ पता चल पाएगा हमें तो मोबाइल व्हाट्सएप या मीडिया ग्रुप से ही जानकारी मिली है. अब हम चाहते हैं कि हमें इंसाफ मिलना चाहिए वह सब बेगुनाह फंसे हैं सारे मजदूर आदमी हैं कोई भी ऐसा नहीं है कि जो ऐसा काम कर दें इतना बड़ा काम तो बहुत दूर है.
सोनू ग्रामीण ने बताया कि गुरुवार को फोन आया था. हमारे पास यह पिछले कई सालों से वेल्डिंग का काम करते आ रहे हैं उन्होंने वहां पर कोई वीडियो बनाई है और पुलिस ने उन्हें उठा लिया है. वहां पर काम करने वाले काफी लोग हैं. मुजफ्फरनगर के लगभग 6 लोग हैं वहां पर उन्होंने 3 लोगों को पकड़ा है. 3 लोगों में से दो तो ऐसे हैं, जिनके पास कोई एंड्रॉयड फोन नहीं है और ना ही वे चलाना जानते. उनमें से एक के पास एंड्रॉयड फोन है, उसने कोई वीडियो बनाई है फोटो क्लिक की हम मौके पर नहीं थे, इसलिए हमें नहीं पता कि किस चीज की फोटो खींची है. गांव का ही एक ठेकेदार है, जिसके साथ में काम करने गए थे उन्होंने उन पर जासूसी का आरोप लगाया है.
पिछले कई सालों से है वह इस काम को करते आ रहे हैं. कभी हरियाणा में ठेका ले लेते हैं, कभी पंजाब में गरीब आदमी है. मजदूर तबके के लोग हैं पेट पालने के लिए कुछ ना कुछ तो करना ही होगा हम चाहते हैं कि अगर इस तरह का कोई मामला है तो उसकी जांच हो, बाकी जितने भी बंदे पकड़े हुए हैं सभी मजदूर तबके के लोग हैं. कोई इतना बड़ा इशू नहीं है अभी उनसे मिलने कोई नहीं पहुंचा है. सब डरे हुए हैं वहां पर जाने के लिए क्योंकि सुनवाई कुछ होती नहीं है. अभी चल रहा है मामला, देखते हैं आगे क्या होगा वह पिछले 10 दिनों से कैंट में ही काम कर रहे हैं. आगे की रणनीति यही होगी कि वहां जाकर देखते हैं क्या मामला है क्या नहीं.