सरकार ने मिलावटखोरों पर कसा शिकंजा, पैकेज्ड दूध की बिक्री में हुआ भारी इजाफा
(देवराज सिंह चौहान) झाबुआः मिलावटी दूध और खाद्य उत्पादों पर प्रशासन की सख्ती अब दिखने लगी है. कार्रवाई के बाद खुले दूध की बिक्री में कमी आने के साथ आम ग्राहक का पैकिंग के दूध पर भरोसा बढ़ा है. लगातार कार्रवाई के बाद झाबुआ स्थित सांची दुग्ध संयंत्र से दूध की बिक्री में 13 फिसदी से अधिक का इजाफा हुआ है. अमूमन यह स्थिति कार्रवाई के बाद पूरे प्रदेश में देखने को मिल रही है. बता दें मिलावटखोरों और दूषित खाद्य सामग्री पर मुख्यमंत्री की सख्ती के बाद हरकत में आए प्रशासन ने तोबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए कई डेयरी संचालकों पर शिकंजा कसा है. जिसके बाद कई सैंपल लिए जाने के साथ दोषी पाए जाने पर मिलावटखोरों के खिलाफ रासुका तक की कार्रवाई की गई.
पश्चिमी मध्प्रदेश के आदिवासी झाबुआ जिले में भी लगातार कार्रवाई के बाद आम ग्राहकों का सरकारी दुग्ध संयंत्र पर भरोसा बढ़ा है और लोग अब पैकिंग का ही दूध ले रहे हैं. जिले में खुले दुध बेचने वालों का बढ़े इलाके पर कब्जा रहा है. गुजरात से सटे होने के चलते अन्य संस्थाओं का दूध भी झाबुआ पहुंचता है. कार्रवाई के बाद इनकी बिक्री में कमी आई है और लोगों ने पैकिंग का दूध खरीदना शुरू कर दिया है. बचा दें मध्य प्रदेश के 5 संभागों में सहकारी दुग्ध संघों के माध्यम से 516 दुग्ध संयंत्र काम कर रहे हैं. जिनमें झाबुआ भी शामिल है. जिला मुख्यालय स्थित संयंत्र में प्रतिदिन 19 हजार लीटर की खपत होती है. कार्रवाई के बाद यह आंकड़ा और बढ़ गया है. स्थानीय संयंत्र में ग्रामीण स्तर की सहकारी समितियों से लेकर संयंत्र तक गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाता है. यही कारण है कि मिलावट के मामले सामने आने के बाद लोगों का सांची पर भरोसा बढ़ा है.
खास बात-
1. प्रदेश के 5 संभाग और बुंदेलखंड में सांची के दुग्ध संयंत्र स्थापित.
2. प्रदेश में कुल 516 संयंत्र काम कर रहे.
3. प्रदेश में दुध संकलन को लेकर 7 हजार 190 समितियां जुड़ी हुई.
4. प्रदेश की समितियों में कुल 2 लाख 64 हजार 653 सदस्य शामिल.
5. प्रदेश में प्रतिदिन 11 लाख 2 हजार 657 लीटर दुध इकट्ठा किया जाता है.
6. सरकारी दुग्ध संयंत्र के माध्यम से प्रतिदिन 7 लाख 66 हजार 195 लीटर दुध प्रतिदिन बेचा जाता है.
7. इकट्ठा किये गए दुध के एवज में संघ सालभर में 1430 करोड़ रूपयों का दुध विक्रेताओं को भुगतान करता है.
8. दुध के साथ अन्य उत्पाद के बिक्री से संघ को प्रतिवर्ष 1751 करोड़ की आमदनी होती है.