तमाम आदेशों के बावजूद शिक्षक को कलेक्टोरेट में नियुक्त विद्यालय का शैक्षणिक कार्य हो रहा है प्रभावित
देवास। पिछले 6 वर्ष से देवास कलेक्टर कार्यालय में पदस्थ हैं शिक्षक प्रदेश के शिक्षकों को प्रशासनिक कार्य में पदस्थ गैर शिक्षक का कार्य करवाया जा रहा है मामले में लोक शिक्षण संचालनालय ने समय-समय पर आदेश निकालकर प्रदेश के समस्त जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देशित किया है कि जिले में कोई भी शिक्षक से गेर शिक्षक का कार्य नहीं करवाया जाए इसके बावजूद भी देवास जिले के कलेक्ट्रेट कार्यालय में एक शिक्षक से पिछले 6 वर्ष से लगातार गैर शैक्षणिक कार्य करवाया जा रहा है इसका नतीजा यह हो रहा है इसका नतीजा यह हो रहा है शिक्षक अपने मूल से कार्य विरक्त होकर छात्रों के साथ अन्याय कर रहा है और विद्यालय का शैक्षणिक कार्य प्रभावित हो रहा है जबकि प्रदेश सरकार की यह मंशा है कि सरकारी स्कूलों में शैक्षणिक कार्य की गुणवत्ता निखर कर आये ं और विद्यालय के छात्र-छात्राएं प्रदेश के साथ संबंधित स्कूल का नाम रोशन करें इसके बावजूद निर्वाचन और अन्य कार्य में प्रतिनियुक्ति पर कलेक्ट्रेट कार्यालय में पदस्थ शिक्षक अपने मूल कार्य के साथ भेदभाव कर छात्र-छात्राओं की शिक्षण को पलीता लगा रहे ऐसा ही मामला देवास जिले के कलेक्टर कार्यालय में कलेक्टर केबिन में पदस्थ शिक्षक मनोज मालवीय का देखने को मिला है सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मनोज मालवीय यहां पर पिछले 6 वर्षों से निर्वाचन के नाम पर पदस्थ हुए थे तब से लगातार यह निर्वाचन के साथ यहां पर टाइपिस्ट का कार्य को अंजाम दे रहे हैं।
कलेक्टर ने किया था कार्यमुक्त
लोक शिक्षण संचनालय मध्य प्रदेश गौतम नगर भोपाल के पत्र क्रमांक स्था 31/सी9 /196/ संलग्नीकरण/ भोपाल/19/792 दिनांक 21 जून 2019 को शिक्षा विभाग के सचिव जयश्री कियावत पत्र लिखकर समस्त जिला शिक्षा अधिकारियों को शिक्षकों को मूल संस्था में पदस्थ करने का सख्त निर्देश दिया था इसी तारतम्य देवास कलेक्टर ने मनोज मालवीय को 17 5 2018 को दोपहर से कार्यमुक्त कर दिया है। अतिथि शिक्षक के भरोसे विद्यालय मनोज मालवीय देवास जिले के कोटखेड़ी सहायक अध्यापक के पद पर पदस्थ खास बात यह है कि यहां पर मात्र 2 शिक्षक शिक्षण कार्य कर रहे हैं और यहां पर पदस्थ मनोज मालवीय कई वर्षों से निर्वाचन के नाम पर कलेक्टर कार्यालय देवास में पदस्थ हैं जिससे विद्यालय के संचालन का भार अतिथि शिक्षकों के कंधे पर आ गया है और इससे विद्यालय का शैक्षणिक कार्य जबरदस्त प्रभावित हो रहा है और छात्र-छात्राएं शिक्षा के अभाव में परेशान हो रहे हैं इससे उनके भविष्य पर प्रश्नचिन्ह लग गया है।